
रमेश सिन्हा, पिथौरा. महासमुंद जिले के पिथौरा शहर से करीब 5 किमी दूर ग्राम किशनपुर में भगवान शिवजी के प्रकट होने की अफवाह से यहां भक्तों की भीड़ जुट रही है. यहां रोज लाखों नारियल और हजारों रुपए का चढ़ावा चढ़ रहा है. छग सहित आसपास के प्रदेशों से भी शिव भक्त अपनी मन्नत लेकर किशनपुर पहुंचने लगे हैं. यहां एक महुआ पेड़ के नीचे एक पत्थर पर गुलाल एवं बंदन लगाकर फूल मालाएं चढ़ी है. आसपास लाखों नारियल के ढेर लगे हैं. वहीं भारी मात्रा में पैसे भी चढाए गए हैं. ग्रामीण अब यहां मंदिर बनाने की भी योजना बना रहे.

महंगाई के इस दौर में आम इंसान अपना जीवन जीने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने के लिए किसी चमत्कार की आस में बैठा है. शायद यही वजह है कि किसी चमत्कार की अफवाह सुनकर ही लोग किसी चमत्कार से अपना जीवन संवारने पहुंच जाते हैं. कुछ ऐसा ही पिथौरा से 6 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम किशनपुर में हुआ है. यहां ग्राम के एक व्यक्ति ने अपना कुष्ठ या बेमची रोग ठीक होने की बात क्या फैलाई वहां स्थित एक पेड़ के नीचे पत्थर को ही भगवान मानकर छत्तीसगढ़ ही नहीं अन्य प्रांतों से भी हजारों की तादाद में शिव भक्त पहुंच रहे. ग्राम के कुछ लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं, जबकि हमारी टीम ने पहुंचकर जायजा लिया तो स्पष्ट हुआ कि यह मात्र आस्था का ही मामला है.

खेत मालिक का परिवार जुटा व्यवस्था में
किशनपुर के लिंगराज प्रधान परिवार के खेत में ही कथित शिवलिंग प्रकट हुए हैं. अब इस स्थान पर बकायदा दिनभर भजन बजते रहते हैं. लिंगराज प्रधान के वासुदेव बारीक ने टीम को बताया कि जिस स्थान पर वर्तमान में शिवलिंग की पूजा हो रही है वहां पर खेत था और धान लगा था. आज से कोई ढाई माह पूर्व ग्राम का ही शौकिलाल सेठ अपने शरीर की बीमारी से परेशान होकर इनके खेत के पास आया और अपने खुजली युक्त पैरों में मिट्टी लगाई और वही बैठ कर शिवजी का ध्यान करने लगा. इसके बाद वापस घर आ गया. सुबह उसने अपना पैर देखा तो उसमें दर्द नहीं था और खुजली भी कम हो गई थी.

इसके बाद दूसरे दिन भी शौकी ने इसे दोहराया और आसपास देखा तो एक महुआ पेड़ के नीचे जाले लगे थे, जिसे हटाया तो उन्हें एक छोटा सा शिवलिंग की तरह पत्थर दिखा. इस घटना की जानकारी जब वासुदेव ने ग्राम में बताई तब ग्राम के ही कुछ युवकों ने इसे शिवजी प्रकट होने की बात लिखकर सोशल मीडिया में डाल दिया. धीरे-धीरे यह बात सोशल मीडिया पर इतनी तेजी से वायरल हुई कि अपने दुखों से परेशान लोग आस्था में बंधे इस खेत तक पहुंचने लगे. अब हालात यह हो गए कि प्रतिदिन हजारों की भीड़ इस कथित शिवलिंग के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

मुझे भोलेनाथ ने ठीक किया, अब मैं स्वस्थ हूं: शौकी
ग्राम किशनपुर के ग्रामीण शौकिलाल सेठ से जब टीम ने बात की तब उसने बताया कि वे अपने पैरों में कुछ चकते होने से खुजला खुजला कर परेशान था. दर्द भी था, परंतु वासुदेव के खेत के पास की मिट्टी लगाकर और वहां महुआ पेड़ के नीचे स्वमेव प्रकट शिवजी ने उन्हें ठीक कर दिया है. इसके अलावा उसने बताया कि ग्राम के और लोग भी अपनी बीमारी लेकर गए थे, सभी को आराम हो गया.
हजारों की भीड़ मात्र अफवाहों की देन
झारखंड और ओडिशा से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया से पता चला कि पिथौरा के समीप शिवजी प्रकट हुए हैं इसलिए हम यहां दर्शन कर अपनी मन्नते लेकर आए हैं. इन्होंने भी कहा कि लोग यहां के दर्शन मात्र से ठीक हो रहे हैं परंतु टीम के यह पूछने पर की कौन ठीक हुआ है बताओ तब उन्होंने बताया कि ऐसा उन्होंने सुना है.इसके पूर्व क्षेत्र के महकमा और मेटकुला में भी ऐसा हो चुका है. यहां पानी दिया जाता था और इसी पानी को लेकर लोग चले जाते थे.
आपको बता दें कि उक्त तरह का कथित चमत्कार इस क्षेत्र में लगातार हो रहे हैं. कोई 3 वर्ष पहले सोनाखान के पास ग्राम महकम में भी इसी तरह भगवान प्रकट होने की अफवाह से लगातार दो तीन माह प्रतिदिन हजारों की भीड़ जुटती थी. इसके बाद दो वर्ष पूर्व बया के समीप भी एक कथित चमत्कार में घुटना एवं कमर दर्द ठीक होने की अफवाह ने उपचार करने वाले बैगा को मालामाल कर दिया था. अब यही स्थिति किशनपुर की भी है.
रोज ट्रकभर नारियल एवं 10 हजार रुपए चढ़ावा
किशनपुर के कथित महादेव में दर्शनार्थी मुक्त हस्त से दान कर रहे हैं. भाजपा नेता संपत अग्रवाल ने 1 लाख 11 हजार रुपए का दान किया. इसके अलावा प्रतिदिन करीब 10 हजार रुपए चढ़ोत्तरी के आ रहे हैं. इस चढ़ोत्तरी को दूसरे दिन शिवलिंग की देखरेख वाले भोजराज बारीक देवराज बारीक, दुबराज गजराज सहित कुछ ग्रामीणों के साथ बैंक में जमा करवा रहे हैं, जिसका भविष्य में इस स्थान पर मंदिर बनवाने की योजना है.
मिट्टी में होते हैं ऐसे गुण की दाद खुजली हो जाती है ठीक – डाॅ. मोहंती
इस संबंध में प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. लाल बहादुर मोहंती ने बताया कि उन्होंने स्थल देखा है. वहां के खेत मंे काली और लाल चिकनी मिट्टी है. प्राकृतिक चिकित्सा में मिट्टी के लेप का काफी महत्व है. मिट्टी के लेप से अनेक चरम रोग ठीक होते हैं. लिहाजा शौकी के पैरों में चरम रोग है, जो प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों के तहत ठीक हो रहे हैं. यह कोई चमत्कार नहीं है.
मिट्टी से चर्म रोग ठीक होना संभव – डॉ. तारा
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. तारा अग्रवाल ने बताया कि शौकी को कुष्ठ रोग नहीं होगा. उसे कोई चर्म रोग खुजली वगैरा हो सकता है, जो मिट्टी लेप से ठीक होना संभव है, परंतु कुष्ठ रोग मात्र दवाओं से ही ठीक होगा.
आस्था के नाम पर अंधविश्वास – टिकेश कुमार
एंटी सुपरस्टीशन ऑर्गेनाइजेशन (ASO) के अध्यक्ष मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार ने कहा कि एक व्यक्ति ने अपना कुष्ठ या बेमची रोग ठीक होने की बात कहकर चमत्कार की अफवाह फैला रहा है और लोग पत्थर को भगवान मानकर नारियल और पैसे चढ़ाने में लगे हैं, जो पूरी तरह से अंधविश्वास है. यहां शिव की चमत्कारी शक्ति है ऐसे कहकर लोग मरीज को लेकर जा रहे हैं. मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. लोगों से अपील है कि अफवाह में न आए और ऐसे अंधविश्वास से दूर रहें.
गंधक से ठीक होते है चर्मरोग- पटेल
स्थानीय कृषि अधिकारी डीपी पटेल ने बताया कि उक्त मामले में जिस खेत से मिट्टी लेकर लगाई गई होगी उस खेत में सल्फर खाद का उपयोग किया गया होगा, क्योंकि सल्फर चर्मरोग ठीक करने में भी उपयोगी है.
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