हेमंत शर्मा, इंदौर। सत्यनारायण वैष्णव ने ब्राह्मण जाति छिपा कर कोरी समाज का जाति प्रमाण पत्र पेश कर पुलिस में नौकरी प्राप्त की थी। इस मामले में इंदौर जिला कोर्ट ने सत्यनारायण वैष्णव के रिटायरमेंट से 2 साल पहले 10 साल की सजा सुनाई है। इस पूरे मामले में 2006 में जब छोटी ग्वालटोली थाने पर मुकदमा दर्ज हुआ था तब तक आरोपी एएसआई बन चुका था। केस दर्ज होने के 7 साल बाद कोर्ट के समक्ष पुलिस ने चालान पेश किया। 7 साल तक पुलिस इस मामले में सिर्फ जांच करती रही।
पुलिस ने धारा 420, 467, 468 के तहत एफआईआर दर्ज
आरोपी सत्यनारायण पिता राम वैष्णव 60 साल निवासी लक्ष्मीपुरी कॉलोनी इंदौर का जन्म 7 जून 1964 को हुआ था। 19 साल की उम्र में 4 अगस्त 1983 को पुलिस में आरक्षक के पद पर भर्ती हुआ था। भर्ती के 23 साल बाद 6 मई 2006 को छोटी ग्वालटोली के थाना प्रभारी को पुलिस अधीक्षक ऑफिस से आरक्षक सत्यनारायण बैज नं. 1273 के बारे में फर्जी जाति प्रमाण पत्र देकर पुलिस में नौकरी की शिकायत मिली। शिकायत के बाद पुलिस ने धारा 420, 467, 468 के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि तीन दिन पहले अपर सत्र न्यायाधीश जयदीप सिंह ने धारा 467 सहपठित धारा 471 में 10 साल की सजा और धारा 420 और 468 में 7 साल की सजा और चार हजार के अर्थ दंड से दंडित किया है।
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