पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिस कफ सिरप से राजस्थान में बच्चों की मौत हो रही थी, उसी कंटेंट का Besto _Cof सिरप
राजिम के कुलेश्वर मेडिकल में बिक रहा था. लैब रिपोर्ट में इस सिरप के नकली होने का खुलासा होते ही खाद्य औषधि प्रशासन ने मेडिकल को सील कर दिया है. मेडिकल का लाइसेंस रद्द करने के अलावा विभाग जल्द ही कोर्ट में परिवाद पेश कर मेडिकल संचालक सीताराम साहू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है.
दरअसल खाद्य औषधि विभाग को सूचना मिली थी कि राजिम स्थित कुलेश्वर मेडिकल का संचालक एक्सपायरी दवाओं पर रि टैगिंग कर बेचता है. 21 जुलाई को ड्रग इंस्पेक्टर की जंबो टीम ने छापा मारा तो नशीली टेबलेट के अलावा कई बिंदुओं में व्यापक अनियमितता मिली, जिसके बाद तत्काल लाइसेंस रद्द किया गया था. ड्रग इंस्पेक्टर धर्मवीर ध्रुव ने बताया कि कुलेश्वर मेडिकल से Besto cuf नाम का एक कफ सिरप भी जब्त किया गया है, जिसकी जांच कराई गई, जिसकी चौंकाने वाली रिपोर्ट 11 अक्टूबर को आई. सिरप के लेबल में उल्लेख कंटेंट जांच में अमानक मिले, मात्रा भी कम पाया गया.


दवा खरीदी का दिखाया फर्जी बिल, रायपुर में मामला दर्ज
फर्म ने जांच के दरम्यान अफसरों को बताया था कि वे दवा रायपुर के kps फर्म से खरीदा था. इस डिस्टीब्यूटर का बिल भी दिखाया, जो जांच में फर्जी निकला. दरअसल दिए गए बिल दूसरी दवा के थे, लेकिन मेडिकल संचालक ने डिस्ट्रीब्यूटर फर्म के बिल का गलत इस्तेमाल किया. इसके चलते KPS फर्म ने राजिम मेडिकल संचालक के खिलाफ रायपुर सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कराया है.
मामले की जांच में जुटा है औषधि प्रशासन
औषधि प्रशासन विभाग ने डेक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रो ब्रोमाइड कफ सिरप बनाने वाली आज्ञा बायोटेक (हरिद्वार) व कफ सिरप बनवाने वाली मार्केटर दवा कंपनी को पत्र लिखा था. दोनों कंपनियों ने पत्र लिखकर सैंपल के नकली होने की पुष्टि की है. इसके बाद अब विभाग पता लगा रही है कि ये दवा किस जगह से आ रहा था या मेडिकल संचालक खुद बना रहा था. जिले में और कितनी जगह इस सिरफ को बांटी गई, उसकी जांच भी अफसर कर रहे हैं.

जांच के बाद दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई : ड्रग इंस्टेक्टर
धर्मवीर सिंग ध्रुव, ड्रग इंस्पेक्टर गरियाबंद ने कहा, इस मामले में मेडिकल संचालक के खिलाफ परिवाद पेश किया जा रहा है. नकली सिरप से जुड़ी सभी तथ्यों की जांच की जा रही है. दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
फिंगेश्वर और छुरा के झोलाछाप डॉक्टरों को होती थी दवा सप्लाई
जानकारी के मुताबिक, अन्य संस्थान की अपेक्षा राजिम के कुलेश्वर मेडिकल स्टोर संचालक काफी रियायत दर पर दवा उपलब्ध कराता था. नियम विरुद्ध उपचार करने वाले लोग झोलाछाप डॉक्टर यहीं से दवा खरीदी करते थे. उनके लिए यह मेडिकल किसी वरदान से कम नहीं था. फिंगेश्वर और छुरा के 100 से ज्यादा झोलाछाप इसी मेडिकल से दवा थोक में लेकर जाते थे.
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