लोकेश साहू,धमतरी। जिले में नकली गुटखा तैयार करने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में तीन आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया गया है. दरअसल राजश्री कंपनी रायपुर को धमतरी में डुप्लीकेट राजश्री गुटका बनाकर प्रदेश भर में सप्लाई किए जाने की सूचना मिली थी. इस मामले में पुलिस ने छापामार कार्रवाई की है. फैक्ट्री से जप्त गुटखे की कीमत लगभग 35 लाख रुपये आंकी गई है. कल शुक्रवार शाम 6:00 बजे से शुरू हुई कार्रवाई लगातार आज भी जारी है. इस पूरी कार्रवाई में एडिशनल एसपी मनीषा ठाकुर रावटे, डीएसपी अरुण जोशी, कोतवाली टीआई गगन वाजपेई सहित पुलिस के कई अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं.
सूचना के आधार पर कंपनी के चीफ विजिलेंस अधिकारी व्हीपी श्रीवास्तव ने धमतरी पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत के बाद शनिवार की शाम कंपनी के अधिकारी खरीददार बनकर बस स्टैंड पहुंचे. यहां शाम करीब 5:00 बजे उन्होंने गुटखा बनाने वाले सिहावा चौक निवासी मोहन नामक व्यापारी से फोन पर बातचीत की. दोनों के बीच 250 पैकेट राजश्री गुटखा लेने के लिये सौदेबाजी हुई.
इस मामले में मोहन मंधान और उसके पुत्र सागर मंधान के अलावा एक और गुटका कारोबारी प्रहलाद मूलवानी को हिरासत में लिया गया है. आरोपियों की निशानदेही पर शहर के टिकरापारा स्थित एक चार मंजिला मकान में छापेमारी की गई. फैक्ट्री से गुटखा बनाने की मशीन के अलावा तैयार किए गए नकली राजश्री और विमल गुटखा पाउच बरामद किए गए हैं.
ग्राम शकरवारा में दूसरे ठिकाने पर भी पुलिस ने दबिश दी है. जहां से तीन मशीनें और भारी मात्रा में नकली गुटखा बरामद किया गया. इस पूरे माल की कीमत लगभग 35 लाख रुपये आंकी गई है. बताया जा रहा है कि नकली गुटका का कारोबार करीब 20 वर्षों से धमतरी में चल रहा है. यहां से गुटखा पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के अलावा उड़ीसा और मध्य प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में सप्लाई की जाती है. बहरहाल इस कार्रवाई ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है. कहा जा रहा है कि कई और ठिकानों का पर्दाफाश पुलिस कर सकती है.
राजश्री कंपनी के चीफ विजिलेंस अधिकारी वी पी श्रीवास्तव ने बताया कि एक मशीन से 1 मिनट में कुल 450 पाउच तैयार होता है. इस तरह कुल 3 मशीनों से हर 1 मिनट में लगभग 1350 पाउच व्यापारी तैयार करता था. नकली गुटका में सुपारी की जगह चिकनी सुपारी और चावल की कनकी और कत्थे की जगह केमिकल और बोरिक पाउडर का इस्तेमाल किया जा रहा था. इस नकली गुटका को लगातार चार से पांच माह तक खाने पर कोई भी व्यक्ति कैंसर का शिकार हो सकता है. इस तरह नकली गुटके का कारोबार कर लोगों को सीधे-सीधे मौत के मुंह में ढकेला जा रहा था.