रेखराज साहू, महासमुंद। जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत मोरधा में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है. दरअसल लक्ष्मी पटेल पात्र हितग्राही को सरपंच,सचिव और अधिकारियों की मिली भगत से आवास की सूची से बाहर कर दिया और उसकी जगह पर अपात्र हितग्राही कवर सिंह मरार का दस्तावेज जमा कर योजना का लाभ दिया गया .
हितग्राही की शिकायत के बाद ग्राम पंचायत सरपंच एमवती साहू, सचिव कमलेश्वरी साहू ,करारोपण अधिकारी लेखराम दीवान एवं फर्जी हितग्राही कंवर सिंह मरार को गिरफ्तार कर जांच की कार्यवाही में पुलिस जुटी है.
ये पूरा मामला साल 2016-17 का है लक्ष्मी पटेल जनगणना 2011 की सूची में पात्र थी लेकिन पंचायत के सरपंच, सचिव और करारोपण के मिलीभगत के कारण लक्ष्मी पटेल को आवास की सूची से बाहर कर दिया और उसकी जगह पर अपात्र हितग्राही कंवर सिंह मरार का दस्तावेज जमा कर योजना का लाभ दिया गया. जब इसकी जानकारी लक्ष्मी पटेल के बेटे को हुई तो उन्होंने जनपद सीईओ के पास शिकायत कराई.
शिकायत में कहा कि मेरी मां लक्ष्मी पटेल पात्रता की सूची पर नाम है लेकिन अभी तक उस योजना का लाभ नहीं मिला है. जनपद सीईओ को लक्ष्मी पटेल का बेटे ने शिकायत कर जांच कराने के लिए आवेदन दिया जिस पर महासमुंद जनपद सीओ द्वारा थाने में सरपंच सचिव,और फर्जी हितग्राही के साथ करारोपण अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई. जांच में सही पाए जाने पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ 420 34 के तहत गिरफ्तार कर कार्यवाही में जुट गई है.
सवाल यह उठता है जब प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है जिसमें मकान की नींव से लेकर के छत तक का जिओ ट्रैकिंग किया जाता है. इसके बावजूद भी ऐसे घटना सामने आती है तो निश्चित ही बड़ा सवाल खड़ा होता है.
वही इस मामले में राकेश खुटेश्वर थाना प्रभारी महासमुंद ने बताया की तात्कालिक सीईओ के द्वारा आवास योजना में फर्जीवाड़ा की शिकायत पर एफ आई आर दर्ज करने आवेदन दिया गया था. दस्तावेजों की जांच पर प्रथम दृष्टया आवास योजना में गड़बड़ी की बात सामने आई जिसके आधार पर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें सरपंच सचिव करारोपण अधिकारी और फर्जी हितग्राही शामिल है. मामले की जांच की जा रही है जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.