दक्षिणी जिले साइबर पुलिस ने इंडिगो एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक काॅल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में नौ जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में मास्टरमाइंड समेत फोन सेवा प्रदान करने वाली एक निजी कंपनी स्टोर के सेकंड इंचार्ज समेत सात युवतियां शामिल हैं।

आरोपियों की पहचान विकास उर्फ विक्की, बलजीत सिंह और टेलीकाॅलर का काम करने वाली चरणजीत उर्फ चारू, शालिनी भारद्वाज, आरती कौर, पूजा गुप्ता, पलवीन कौर, नंदिनी, श्वेता उर्फ शिवानी के रूप में हुई है। आरोपी प्रोसेसिंग फीस आदि बहानों से पीड़ितों को ठगते थे। इनके खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर ठगी की 40 से अधिक शिकायत दर्ज पाई गई हैं। इनके कब्जे से 23 इलेक्ट्रानिक उपकरण, 19 सिम कार्ड, बैंक खातों के क्यूआर कोड और वाई-फाई राउटर बरामद किया गया है।

दक्षिणी जिले के उपायुक्त अंकित चौहान के मुताबिक, अमरजीत यादव ने एनसीआरपी पोर्टल पर नौकरी के नाम पर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि ओएलएक्स पर नौकरी खोजते समय उन्होंने एक नंबर पर संपर्क किया। वहां उन्हें इंडिगो एयरलाइंस में नौकरी का झांसा देकर नौकरी के लिए वर्दी और सहायक उपकरण प्रदान करने के बहाने 11 हजार रुपये ठग लिए गए। साउथ साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

जांच के दौरान तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस टीम ने मास्टमाइंड सुभाष नगर के विकास कुमार उर्फ विक्की को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से पांच मोबाइल फोन बरामद किए गए। उनमें कुछ फोन धोखाधड़ी वाले बैंक खातों से जुड़े थे और पीड़ितों के साथ बातचीत करने के लिए इस्तेमाल किए गए थे। विकास से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि एक निजी फोन सेवा प्रदान करने वाली कंपनी के स्टोर में कार्यरत बलजीत सिंह की मदद से वह फर्जी नाम व पते पर सिम हासिल कर काल सेंटर चला रहा है।

विकास की निशानदेही पर टीम ने तिलक नगर इलाके में चल रहे फर्जी काॅल सेंटर पर छापेमारी की। वहां सात महिला टेलीकाॅलर लोगों से संपर्क कर नौकरी का झांसा देकर उन्हें अपने जाल में फंसाती मिलीं। सभी महिला टेलीकाॅलर को विकास ने नौकरी पर रखा हुआ था और वर्क इंडिया जैसे आनलाइन जाब पोर्टल्स के जरिए भर्ती किया गया था। वह उन्हें 15 हजार प्रतिमाह वेतन भी दे रहा था। वे नौकरी चाहने वालों को काल करने, उन्हें मनाने और उनकी निजी जानकारी इकट्ठा करने में शामिल थीं। सभी को मौके से पकड़ लिया गया।

जांच के दौरान पुलिस टीम ने विकासपुरी स्थित एक फोन सेवा प्रदाता कंपनी के स्टोर से बलजीत सिंह को पकड़ा। वह सेकंड इंचार्ज के पद पर कार्यरत था। ग्राहकों के बायोमेट्रिक डेटा का दुरुपयोग करके धोखाधड़ी से सिम कार्ड जारी कर वह विकास को मुहैया कराता था।

ओएलएक्स पर नौकरी के डालते थे विज्ञापन

जांच में सामने आया कि आरोपी विकास अपने साथियों सूरज व कपिल के साथ करीब एक साल से पश्चिमी दिल्ली के गणेश नगर में फर्जी जाब काॅल सेंटर चला रहा था। वह ओएलएक्स पर विज्ञापन पोस्ट कर एयरलाइन क्षेत्र में रोजगार का झांसा देते थे।

लोग संपर्क करते तो टेलीकाॅलर के रूप में कार्यरत महिला खुद को प्रतिष्ठित एयरलाइन कंपनियों का कर्मचारी बताकर ठगती थी। इस काम के लिए टेलीकाॅलरों को पहले से तैयार की गई स्क्रिप्ट दी जाती थी, जिसमें पीड़ितों को कैसी बातचीत से जाल में फंसाना है इसके निर्देश होते थे।

पीड़ितों से वसूलते थे मोटी रकम

जांच में सामने आया कि जाल में फंसने पर लोगों से पहले सुरक्षा राशि के रूप में 2,500 रुपये जमा कराए जाते थे। इसके बाद वर्दी के नाम पर 5 से 8 हजार रुपये लिए जाते थे। तीसरे चरण में बैंक में खाता खुलवाने के नाम पर 10 से 17 हजार रुपये तक वसूले जाते थे। इसके बाद आरोपी पीड़ित का नंबर ब्लाॅक कर सिम बंद कर नया सिम प्रयोग में लाते थे। छोटी राशि के कारण अधिकांश पीड़ित इस संबंध में शिकायत दर्ज नहीं कराते थे। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों तथा ठगी के पीड़ितों का पता लगा रही है।

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