शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल क्राइम ब्रांच ने फर्जी इंस्टेंट लोन ऐप का खुलासा किया है, जो पहले जरूरतमंद को तत्काल लोन देता फिर उससे डबल वसूली करता है. जब पीड़ित दोगुने पैसे नहीं देते तो उसे ब्लैकमेल कर बदनाम करने की धमकी देते थे. आरोपियों के खिलाफ सात अलग-अलग राज्यों में मामले दर्ज है.
पुलिस ने दो कॉल सेंटर पर छापेमार कार्रवाई कर 16 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के तार विदेश से भी जुड़े हुए हैं. आरोपियों की कनेक्शन चाइना, सिंगापुर, फिलीपींस से जुड़ा है. इन आरोपियों ने लगभग 200 करोड़ रुपए का क्रिप्टोकरंसी और बैंक ट्रांजेक्शन भी किया है. आरोपी लोन देते वक्त पीड़ित की मजबूरी का फायदा उठाते हुए आवेदक के मोबाइल की फोटो और कांटेक्ट लिस्ट का एक्सेस ले लेते थे.
जब पैसे पीड़ित नहीं देते थे, तब अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप से निकाले गए नंबर को फरियादी और उसके रिश्तेदार को फोन कर मैसेज करते थे. लोन रिकवरी की धमकी देते थे. पीड़ित को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता था. पुलिस ने 16 आरोपी की गिरफ्तारी की है. उनमें राजस्थान से पांच, गुजरात एक, कर्नाटक एक, हरियाणा चार, उत्तर प्रदेश एक, महाराष्ट्र एक, मध्य प्रदेश से तीन आरोपी शामिल हैं.
इस मामले में एक विदेशी नागरिक और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. जिस ऐप के जरिए आरोपियों ने फर्जीवाड़ा किया, उस ऐप को बंद करने के लिए भोपाल क्राइम ब्रांच ने गूगल को एक पत्र लिखा है. जिसमें 10 से ज्यादा फर्जी लोन ऐप को ब्लॉक करने की मांग की गई है.
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