हेमंत शर्मा, रायपुर. रेलवे कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों की ठगी मामले में सिविल लाइन पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस पांचों से पूछताछ कर रही है. हिरासत में एक रेलवे कर्मचारी और उसकी पत्नी को भी लिया गया है. पूछताछ में अन्य आरोपियों की भूमिका सामने आई है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को बाहर रवाना किया गया है. अगले 24 घंटे के अंदर पुलिस पूरे मामले का खुलासा कर सकती है.
एएसपी सिटी प्रफुल्ल ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि, यूनियन बैंक के मैनेजर के द्वारा एक लिखित शिकायत दी गई थी. कुछ लोग फर्जी दस्तावेज पेश करके लोन सेक्शन कराया है. मामले में जांच की जा रही है. जांच में कुछ लोगों को बुलाकर पूछताछ की जा रही है. जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार विधिवत अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा. अभी पांच लोगों से पूछताछ हो रही है. बैंक के कुछ कर्मचारियों को भी बुलाकर पूछताछ की जा रही है. इसमें तकरीबन 20 से 25 शिकायतें सामने आई है, जो अलग-अलग बैंक का है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों रेलवे डीएलएस और डीआरएम ऑफिस के कर्मचारियों से करोड़ों रुपए की ठगी सामने आई थी. करीब 70 कर्मचारियों के नाम पर फर्जी तरीके से 6 करोड़ का होम लोन ले लिया था. और किसी को खबर तक नहीं हुई. इस वारदात को दो आरोपियों ने शातिर तरीके से अंजाम दिया था. दोनों रेलवे का ही कर्मचारी है. आरोपी का नाम डी श्रीधर और आर नगपुरु है. दोनों डीजल लोको सेड में कार्यरत है.
कर्मचारियों के पास बैंक से कॉल आने के बाद ठगी का खुलासा हुआ. इस मामले में दिलचस्प बात ये कि आरोपी ने सभी डॉक्यूमेंट में अपने फोटो लगाए. इंडियन ओवर सीज बैंक, एक्सिस बैंक, यूनियन बैंकों से लोन लिया गया. पीड़ित कर्मचारी ने बताया था कि मेरे नाम पर 17 लाख का लोन लिया गया है. हमें बैंक मैनेजर से पता चला, जब उन्होंने कॉल किया कि आपने लोन लिया है. मेरे डॉक्यूमेंट से 17 लाख का लोन, किसी कर्मचारी से 26 लाख का लोन लिया गया है. करीब डेढ़ सालों से यह खेल चल रहा था और लोन भी पटाया जा रहा था, लेकिन अभी दो-तीन महीनों से लोन नहीं पटाया जा रहा था. आरोपी का नाम डीश्रीधर और आर नगपुरु है, जिसने करीब 70 कर्मचारियों से लोन लिया है.