पटना। शिक्षा विभाग में एक गंभीर जालसाजी का मामला सामने आया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के फर्जी हस्ताक्षर और लेटर हेड का उपयोग करते हुए गुरुवार को एक फर्जी आदेश जारी कर दिया गया। जैसे ही यह मामला अपर मुख्य सचिव के संज्ञान में आया, उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया। साथ ही, मामले की सूचना साइबर थाने को भी दे दी गई है। यह फर्जी आदेश 29 मई की तिथि में जारी दिखाया गया है और इसे सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को संबोधित किया गया है। इसमें टीआरई-तीन के शिक्षकों के लिए दो जून से प्रारंभ हो रहे ग्रीष्मावकाश के दौरान प्रारंभिक प्रशिक्षण के आयोजन और क्रियान्वयन का निर्देश दिया गया है। इतना ही नहीं, इसकी प्रतिलिपि राज्य के सभी डीआईईटी, पीटीईसी, बीआईईटी और सीटीई प्रशिक्षण संस्थानों को भी भेजे जाने की बात कही गई है।
भ्रम और नाराजगी फैल गई
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के नाम से जारी एक फर्जी आदेश ने हड़कंप मचा दिया है। इस आदेश में शिक्षकों को उनके ग्रीष्मावकाश के दौरान प्रशिक्षण में शामिल होने का निर्देश दिया गया था। यह आदेश सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे राज्य भर में शिक्षक समुदाय में भ्रम और नाराजगी फैल गई।
आदेश की जांच में सामने आई साजिश
शिक्षा विभाग द्वारा जब वायरल आदेश की सच्चाई की जांच की गई, तो पता चला कि यह पूरी तरह से फर्जी है और विभाग द्वारा ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। विभागीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ग्रीष्मावकाश के दौरान किसी प्रकार का प्रशिक्षण आयोजित नहीं किया गया है और इस तरह की सूचना झूठी है।
शिक्षा विभाग की छवि धूमिल करने की साजिश
प्राथमिक जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि यह फर्जी आदेश जानबूझकर वायरल किया गया, ताकि शिक्षा विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभाग इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल की मदद से जांच में जुट गया है।
विभाग की अपील – अफवाहों पर ध्यान न दें
शिक्षा विभाग ने आम जनता, खासकर शिक्षकों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक माध्यमों से जारी सूचनाओं पर ही भरोसा करें। सोशल मीडिया पर प्रसारित किसी भी आदेश या सूचना को सत्यापित किए बिना उस पर कार्रवाई न करें। विभाग ने यह भी आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द ही चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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