अमित पांडेय, डोंगरगढ़। डोंगरगढ़ जनपद पंचायत के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जनपद सदस्यों के संरक्षण में कई ऑनलाइन सेंटर संचालक कथित तौर पर ग्रामीणों से मोटी रकम वसूलकर फर्जी राशन कार्ड बनवा रहे थे. मामला सामने आने के बाद सीईओ ने तत्काल राशन कार्ड प्रभारी को कार्रवाई के निर्देश दिए. पूछताछ में बात सामने आई है कि यह कोई सामान्य गड़बड़ी नहीं, बल्कि संगठित तरीके से चल रहा बड़ा गोरखधंधा है.
जनपद पंचायत के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जनपद सदस्यों के संरक्षण में कई ऑनलाइन सेंटर संचालक के बीच गठजोड़ से चल रहे इस अवैध खेल का खुलासा तब हुआ जब ग्राम मेंढ़ा के एक ग्रामीण के पास से ऐसा राशन कार्ड बरामद हुआ, जो था तो नया पर उसमे पूर्व जनपद सीईओ सातपुते के डिजिटल हस्ताक्षर पाए गए. यह मामला सामने आते ही पूरे जनपद प्रशासन में हड़कंप मच गया.

जनपद पंचायत सीईओ भगवती साहू ने मामले सामने आने पर राशन कार्ड प्रभारी माखन चंद्रवंशी को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. जैसे ही टीम ने संदिग्ध ऑपरेटरों और ऑनलाइन सेंटर संचालकों से पूछताछ शुरू की. इसमें ग्रामीणों से तीन से पांच हजार रुपये तक वसूलकर सैकड़ों की संख्या में फर्जी राशन कार्ड बनाए जाने के संकेत मिले हैं. सूत्र बताते हैं कि जांच आगे बढ़ने पर और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं.
फर्जी राशन कार्ड बनाने के मिले पर्याप्त सबूत
प्रभारी माखन चंद्रवंशी ने चर्चा के दौरान माना कि फर्जी राशन कार्ड बनाने के पर्याप्त सबूत मिले हैं. उन्होंने यह भी कहा कि विकासखंड में जितने भी राशन कार्ड सक्रिय हैं, उन सभी का भविष्य में सत्यापन कराया जाएगा. वहीं जनपद पंचायत की सीईओ भगवती साहू ने कहा कि ऑनलाइन सेंटरों के माध्यम से फर्जी राशन कार्ड बनाए जाने की शिकायत मिली है. जांच की जा रही है और इसके बाद दोषियों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.”
पूर्व जनपद अध्यक्ष ने उठाए सवाल
मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व जनपद अध्यक्ष भावेश सिंह ने इसे जिला पंचायत सीईओ के संज्ञान में लाकर दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की. वहीं पूर्व जनपद सदस्य रवि अग्रवाल ने भी जनपद सीईओ से मांग की कि गरीबों से वसूली बंद हो और भविष्य में सभी राशन कार्ड निःशुल्क बनाए जाएं. इस पूरे घटनाक्रम से जनपद पंचायत की कार्यप्रणाली और वरिष्ठ पदाधिकारियों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया
छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड राज्य खाद्य विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं. नया राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदक को निर्धारित आवेदन पत्र भरकर आवश्यक दस्तावेजों—जैसे आधार कार्ड, निवास प्रमाण, आय प्रमाणपत्र, परिवार के फोटो और बैंक पासबुक—के साथ अपनी ग्राम पंचायत या शहरी निकाय में जमा करना होता है.
आवेदन प्राप्त होने के बाद स्थानीय स्तर पर जांच की जाती है, और पात्रता तय की जाती है कि आवेदक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA-2013) के अंतर्गत प्राथमिक परिवार (PHH) या अंत्योदय परिवार (AAY) श्रेणी में आता है या नहीं. सत्यापन पूरा होने के बाद जिला स्तर पर अंतिम स्वीकृति मिलती है. राज्य सरकार ने आवेदन और स्थिति की जानकारी के लिए ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध कराया है, लेकिन अंतिम अनुमोदन और कार्ड जारी करने का अधिकार अभी भी जिला प्रशासन के पास है.
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