अलवर। यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद कौशलेन्द्र प्रपन्नाचारी उर्फ फलाहारी बाबा की जमानत याचिका बुधवार को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी है. जिला एवं सत्र न्यायधीश अशोक कुमार की अदालत में तकरीबन डेढ़ घंटे की सुनवाई के बाद अदालत ने यह फैसला दिया.
आरोपी बाबा को बुधवार को जेल से कोर्ट लाया गया. जहां बाबा के वकीलों ने कोर्ट में बाबा की जमानत याचिका पेश की जिस पर डेढ़ घंटे तक बाबा और पीड़िता पक्ष के वकीलों के बीच लंबी बहस हुई. बाबा के वकील ने कोर्ट के सामने चालान पेश हो जाने की दलील दी. उन्होंने कहा कि युवती ने बाबा के खिलाफ झूठा मामला पंजीबद्ध कराया है और बाबा से पैसों की मांग की है. उसने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जो कि एक सुनियोजित साजिश थी.
उधर पीड़िता के वकीलों ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा चालान पेश करने से मामलेल की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. सिर्फ चार्ज लगना बाकी है. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ देना उचित नहीं है.
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने बाबा पर लगे आरोपों को गंभीर प्रकृति का मानते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी है. आपको बता दें कि बिलासपुर की रहने वाली एक युवती ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. जिसके बाद पुलिस ने 23 सितंबर को फलाहारी बाबा को अलवर के मधुसूदन सेवा आश्रम से गिरफ्तार किया था.