रोहित कश्यप ,मुंगेली. कुटुम्ब न्यायालय के न्यायाधीश के खिलाफ अधिवक्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है. न्यायाधीश के स्थानांतरण की मांग करते हुए जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी और सदस्यों ने प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें जिला न्यायालय के सभी कार्यों का बहिष्कार का निर्णय लिया गया. इसमें राजस्व न्यायालय भी शामिल है.

शिकायत में क्या है पढ़िए

जिला अधिवक्ता संघ की ओर से जिला अध्यक्ष राजमन सिंह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुंगेली जिला न्यायालय में जब से कुटुंब न्यायालय की स्थापना हुई है. तब से कुटुंब न्यायालय के पीठासीन महिला न्यायाधीश द्वारा अधिवक्ता संघ मुंगेली अधिवक्तागण के साथ व्यवहार अच्छा नहीं रहा, लेकिन संघ के सदस्य पक्षकारों के हित को ध्यान में रखते उक्त न्यायालय में कार्य करते रहे. आज से लगभग 2 माह पूर्व जब कुटुंब न्यायालय के न्यायाधीश का व्यवहार अधिवक्ता संघ मुंगेली के सदस्यो के साथ असहय हो गया, तब अधिवक्ता संघ मुंगेली द्वारा प्रस्ताव पास कर कुटुंब न्यायालय का लगभग 1 माह तक बहिष्कार किया गया. इसकी सूचना जिला न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल एवं पोर्ट फोलिया जज छ०ग० उच्च न्यायालय (मुंगेली) को भी दी गई, उच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल द्वारा जिला न्यायाधीश मुंगेली को निर्देशित किया गया कि उभयपक्ष के मध्य बातचीत के माध्यम से सामंजस्य स्थापित कर समस्या का समाधान कराये.

समझौते में क्या हुआ ?

जिला न्यायाधीश मुंगेली द्वारा अधिवक्ता संघ मुंगेली को समझाईस देकर समस्या का निदान करने और बहिष्कार वापस लेकर कोर्ट में कार्य करने का निर्देश यह कहते हुए दिया कि भविष्य में ऐसी घटना नही होगी, जिसके उपरांत अधिवक्ता संघ के सदस्य नें अपने बहिष्कार वापस लेकर कुटुंब न्यायालय में पक्षकारों के हित में कार्य करना आरंभ कर दिया. जिसके बाद भी कुटुंब न्यायालय के पीठसीन अधिकारी के व्यवहार में कोई परिवर्तन नही हुआ और उनके द्वारा अपना व्यवहार पूर्ववत् जारी रखा गया फिर भी संघ के सदस्य पक्षकारों के हित में कार्य करते रहे.

क्या है ताजा विवाद

20 मार्च को कुटुंब न्यायालय में पैरवी के दौरान संघ के वरिष्ठतम सदस्य तथा उनके सहयोगी अधिवक्ता के साथ न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उन्हे पक्षकारो की उपस्थिति में अपमानित किया गया, जिस कारण अधिवक्ता संघ मुंगेली के सदस्यो में अत्याधिक आक्रोश है. संघ के सदस्यो द्वारा अधिवक्ता संघ में प्रस्ताव पास कर यह निर्णय लिया गया कि तीन दिवस के भीतर कुटुंब न्यायालय के पीठासीन अधिकारी का स्थानांतरण अन्यत्र किया जाए अन्यथा संघ के सदस्य जिला न्यायालय के सभी न्यायालयो को बहिष्कार करेंगे. साथ ही राजस्व न्यायालयो का भी बहिष्कार करेंगे. प्रस्ताव की सूचना प्रति सहित जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल को प्रेषित की गई.