रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक एवं सदस्यों ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग कार्यालय रायपुर में महिलाओं से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. रायपुर जिले में कुल 139 मामलों पर जनसुनवाई हुई. आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि वह अपना प्रकरण वापस लेना चाहती है. आवेदिका ने बताया कि उसे भरण पोषण के लिए लगभग 25-30 लाख की सम्पत्ति प्राप्त हो गई है और परिवार के सभी सदस्य मिल जुलकर रह रहे हैं. उन्हें अब कोई समस्या नहीं है. आवेदिका के बयान के बाद महिला आयोग ने मामले को निरस्त किया.

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदकों द्वारा आवेदिका को विद्यार्थियो के नंबर कम-ज्यादा करने के लिए दबाव व धमकी दिया जा रहा था. राज्यपाल ने तत्कालीन कुलपति को 20 अक्टूबर 2024 को पद से बर्खास्त कर दिया है. इस मामले में आवेदिका को उसके पद से हटा दिया गया है. इस प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया और महिला आयोग ने तथ्यों के आधार पर निर्णय को लंबित रखा है. आयोग ने कहा कि इस प्रकरण में वर्तमान कुलपति को पक्षकार बनाया जाना आवश्यक है, ताकि इस प्रकरण का निराकरण किया जा सके.

भीड़ लाकर दबाव बनाने का प्रयास, आयोग ने पुलिस से मांगी जांच रिपोर्ट

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक पक्ष द्वारा आयोग में पूरे छत्तीसगढ़ से लगभग 300 लोगों को बुलाकर दबाव की राजनीति बनाने का प्रयास किया गया. आवेदिका ने बताया कि अनावेदकों द्वारा उसका चारित्रिक हनन कर उसे बदनाम किया गया. आवेदिका ने थाने पर लिखित शिकायत की थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. आयोग ने आवेदिका के प्रकरण में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश थाना अभनपुर को दिया. साथ ही आयोग ने अनावेदक को कड़ी समझाइश दी कि भविष्य में आयोग के निर्देश के बिना अनावश्यक भीड़ लाकर दबाव बनाने का प्रयास ना करे. अन्य प्रकरण में अनावेदकों द्वारा आवेदिका को कोविड कार्यकाल के दौरान की राशि का भुगतान नहीं किया गया है. आयोग ने दोनों पक्षों की बात सुनी और इस संबंध में जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित किए जाने का निर्देश दिया.

थाना प्रभारी को अनावेदकों को लाने के दिए निर्देश

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पिता व चाचा जो अनावेदक हैं वे पेशी में आने से बचते हैं और लगातार उन्हें परेशान कर रहे हैं. आयोग ने अनावेदकों को थाना प्रभारी के माध्यम से बुलाए जाने का निर्देश दिया, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके. सुनवाई के दौरान सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, ओज देवी मंडावी, शिक्षामित्र शोरी एवं प्रियंवदा सिंह जूदेव मौजूद रहीं.

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