कानपुर. रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी रोशन नगर में एक परिवार डेढ़ साल से आयकर अधिकारी की लाश के साथ रह रहा था. शुक्रवार को इस बात की जानकारी लोगों को हुई तो सबके पांव तले से जमीन खिसक गई. मामले की जानकारी तब हुई जब स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंची. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. 2021 में अस्पताल प्रबंधन ने कोविड नियमों की अनदेखी करते हुए मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ विमलेश नाम के व्यक्ति का शव परिजनों को सौंप दिया था. इसके बाद डेढ़ साल तक विमलेश के साथ परिवार के लोग कैसे रहे? ये बात किसी को समझ में नहीं आ रही है.

दरअसल, आयकर विभाग के कर्मचारी विमलेश दीक्षित (35 साल) की मौत कोरोना काल में 22 अप्रैल 2021 को हुई थी. तीन बेटों में सबसे छोटा बेटा विमलेश, अहमदाबाद में इनकम टैक्स में असिस्टेंट अकाउंटेंट ऑफिसर (AAO) के पद पर कार्यरत था. 2021 में हुई मौत के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित करके डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया था. घर आने के बाद परिजन अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे. तभी मां राम दुलारी ने विमलेश के दिल की धड़कन आने की बात कहकर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. तभी से माता-पिता उसके शव को घर के एक कमरे में रखकर देखभाल कर रहे थे.

जांच टीम को घर में घुसने से रोका

घर पर पत्नी को भी उनके जिंदा होने का विश्वास दिलाया गया था और परिवार वाले उनके शव पर रोजाना गंगाजल डालकर जिंदा होने का दावा करते रहे थे. CMO ने विमलेश की मौत की हकीकत का पता लगाने के लिए एक टीम का गठन किया था. डिप्टी सीएमओ डॉ.गौतम के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी. यह टीम शुक्रवार को जब विमलेश के घर पहुंची तो परिजनों ने उन्हें घर के भीतर दाखिल होने से रोक दिया. बाद में पुलिस की मौजूदगी में टीम घर के भीतर दाखिल हुई और उन्होंने विमलेश के शरीर को देखा, जिसके बाद पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है. मृत शरीर की हालत बेहद खराब हो चुकी थी.

पत्ती की चिट्ठी ने किया खुलासा

एक सप्ताह पहले विमलेश की पत्नी मिताली ने अहमदाबाद स्थित इनकम टैक्स कार्यालय में पति के मरने की सूचना दी थी. विभाग को किए गए फोन पर उन्होंने कहा था कि उनके पति की मौत हो चुकी है. फिर भी माता-पिता उनका शव रखे हुए हैं. इस पर विभाग की ओर से कानपुर के CMO और जिलाधिकारी को एक पत्र लिखकर मामले की जांच करने को कहा गया. तभी शुक्रवार को एसीएमओ की तीन सदस्यीय टीम और पुलिस मामले की जांच करने पहुंची थी.

मृतक को दिया जा रहा था ऑक्सीजन

इस मामले की सूचना जब आसपास के क्षेत्र में फैली तो हड़कंप मच गया. मौके पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. मृतक के पड़ोसियों ने बताया कि उन्हें विश्वास था कि विमलेश जिंदा हैं और कोमा में है. डेढ़ साल से रोजाना घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर लाया जाता था. मृतक को रोजाना ऑक्सीजन दिया जाता था. इसलिए कभी उन्हें उनकी मौत का शक नहीं हुआ. वहीं विमलेश की पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं बताई जा रही है. फिलहाल मामले की जांच जारी है और स्वास्थ विभाग जल्द एक रिपोर्ट बनाकर आयकर विभाग को भेजेगा.

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