नई दिल्ली. देशभर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) में जल्द ही डॉक्टरों के लिए फैमिली मेडिसिन का पाठ्यक्रम शुरू होगा. शनिवार को दिल्ली में आयोजित एम्स के चिंतन शिविर में इस पर अधिकारियों की सहमति बनी. फैमिली फिजिशियन की कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया समेत देश के अलग-अलग एम्स के निदेशक मौजूद रहे.

शिविर में फैसला लिया गया कि एम्स संस्थानों में एमबीबीएस के बाद पीजी डिग्री के लिए एमडी इन फैमिली मेडिसन का पाठ्यक्रम शुरू होना चाहिए. यह पाठ्यक्रम एमडी की अन्य डिग्री की तरह ही होगा. शिविर में मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, फिलहाल इस योजना का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कहा गया है. पाठ्यक्रम में कितनी सीटें होंगी, यह आने वाले दिनों में ही तय किया जाएगा.

तीन साल का पाठ्यक्रम एमडी फैमिली मेडिसिन तीन साल का स्नातकोत्तर स्तर का कार्यक्रम होगा. इसमें आवेदन के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा अनुमोदित संस्थान से प्रासंगिक अनुशासन में एमबीबीएस की डिग्री होनी चाहिए. पाठ्यक्रम में प्रवेश केवल एम्स द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा और उसके बाद व्यक्तिगत साक्षात्कार में उम्मीदवार के प्रदर्शन के आधार पर दिया जाएगा.

अमेरिका-ब्रिटेन की तर्ज पर केरल में शुरू हुआ

अमेरिका और ब्रिटेन के मेडिकल एजुकेशन सिस्टम की तर्ज पर फैमिली डॉक्टर बनाने के लिए सबसे पहले भारत में साल 2015 में फैमिली मेडिसन का एमडी पाठ्यक्रम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, कालीकट, केरल में शुरू हुआ था. वर्तमान में देश के कई मेडिकल कॉलेजों में यह पाठ्यक्रम है. तीन साल के इस पाठ्यक्रम में पहले साल में जनरल मेडिसन, एनेस्थीसिया, पीडियाट्रिक, लेबर रूम, जनरल सर्जरी का फाउंडेशन कोर्स कराया जाता है. दूसरे साल में इन विषयों के अलावा ईएनटी, ऑप्थोमोलोजी, इमरजेंसी मेडिसिन और आर्थो को भी शामिल किया गया है. सांस रोग और फैमिली प्लानिंग को भी अतिरिक्त विषयों के रूप में पढ़ाया जाता है.

क्या है फैमिली मेडिसिन

फैमिली डॉक्टर किसी भी बीमारी के मामले में जानने वाले व्यक्ति होते हैं. वे डॉक्टर परिवार की मेडिकल हिस्ट्री से अच्छी तरह वाकिफ रहते थे, इसलिए वे लोगों को सामान्य स्वास्थ्य परामर्श देने में प्रभावी होते हैं. यानी फैमिली मेडिसन के डॉक्टरों को सभी तरह का ज्ञान होगा. वे बच्चों से लेकर महिलाओं, बुजुर्गों और सभी की देखभाल करने में सक्षम होंगे.