बुरहानपुर. यहां के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के एक गांव से दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है. जहां एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने कंधों के सहारे अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में महिला ने स्वस्थ्य शिशु को जन्म दिया है. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य बताए गए है.
मामला बुरहानपुर के ग्राम भावसा के आदिवासी फाल्या गढ़ी का है. राज्य सरकार के लाख दावों के बाद भी गांवों में सड़क की सुविधाएं नहीं है. अरबों रुपए के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के बाद भी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में सड़कें नहीं बन पाई है. यह भी कह सकते हैं कि सरकार की योजनाएं आज-तक गांवों में नहीं पहुंची है. सड़क के अभाव में इस क्षेत्र में सरकार की जननी सुरक्षा वाहन नहीं पहुंच पाता है. मजबूरी में लोगों को बीमार परिजनों को साड़ी की झोली बनाकर लकड़ी के सहारे अस्पताल पहुंचाना पड़ता है.
भावसा उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव
इसी कड़ी में प्रसव पीड़ा से तडफ़ रही गर्भवती महिला को परिजन साड़ी की झोली बनाकर कर लकड़ी के सहारे कंधों पर उठाकर पहाड़ी रास्तों से अस्पताल पहुंचे. गभर्वती महिला पुलवामा बाई ने भावसा उप स्वास्थ्य केंद्र में स्वस्थ्य शिशु को जन्म दिया. महिला के पति बाजीराव ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य है.