इदरीश मोहम्मद, पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से एक बुरी खबर सामने आई है। पीटीआर की सबसे फेमस हथिनी वत्सला की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से बीमार चल रही थी। वत्सला को दाई मां के नाम से जाना जाता था। हथिनी की मौत के बाद अब पर्यटक वत्सला का दीदार नहीं कर सकेंगे।

पन्ना टाइगर रिजर्व की शान व धरोहर रही दुनिया की सबसे उम्र दराज हथिनी वत्सला अब नहीं रही। मंगलवार की दोपहर करीब 1:30 बजे इस हथिनी ने पन्ना टाइगर रिजर्व को अलविदा कह दिया। पीटीआर की इस हथिनि को दादी भी कहा जाता था। क्योंकि ये अन्य हथिनियों के होने वाले बच्चों की देखभाल में वत्सला अहम रोल निभाती थी।

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PTR के लिए बड़ी क्षति

वत्सला की मौत पन्ना टाइगर रिजर्व ही नहीं बल्कि समूचे देश के लिए अपूर्णीय क्षति है। वत्सला की उम्र 100 वर्ष से भी अधिक हो चुकी थी और लंबे से बीमार चल रही थी। बता दें कि पन्ना टाइगर रिजर्व की शान और देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही हथिनी वत्सला को दुनिया में सबसे अधिक उम्र की हथिनी बताया जाता रहा है। लेकिन अब वह इस दुनिया मे नहीं रही है। मंगलवार की दोपहर वत्सला का निधन हो गया। जिसकी खबर लगते ही पीटीआर की क्षेत्र संचालक अंजना सुचिता तिर्की, डिप्टी डारेक्टर मोहित सूद, सहित वन्यप्राणी डॉक्टर संजीव गुप्ता टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हिनौता कैम्प में हथिनी का अंतिम संस्कार किया गया।

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लगातार प्रयास के बाद भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो सका नाम

दरअसल, वत्सला हथिनि की उम्र 100 वर्ष से अधिक थी। लेकिन उसका नाम गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो सका।जिसका मुख्य कारण पीटीआर कार्यालय में वत्सला का जन्म रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होना था। जबकि पीटीआर प्रबंधन ने वत्सला की उम्र का पता लगाने के लिए उसके दांतों के सैंपल भी लैब जांच के लिए भेजे थे। लेकिन उसमें भी सफलता नहीं मिल सकी। फिलहाल ताईवान की हथिनी लिंगवान के नाम दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी होने का रिकॉर्ड है।

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