Sanjeev Hans: पटना. बिहार के चर्चित आईएएस अधिकारी संजीव हंस को निलंबित कर दिया गया है. कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में अनुमति दी है. लगभग 6 महीने पहले नीतीश सरकार ने संजीव हंस को उनके पद से मुक्त कर दिया था. फिलहाल हंस जेल में बंद हैं. ईडी ने उनपर आय से अधिक संपत्ति और पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति बनाने का आरोप लगाया है. फिलहाल ईडी इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
ईडी ने पेश की थी सप्लीमेंट्री चार्जशीट
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले महीने ही आईएएस संजीव हंस से जुड़े मामले में दो हजार पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में दायर की थी. इसमें राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत अन्य कई लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में बताया गया है कि साल 2018 से लेकर 2023 तक बिहार और केंद्र में विभिन्न पदों पर रहते हुए संजीव हंस ने भ्रष्टाचार के जरिए जमकर काली कमाई की. मामले में जांच एजेंसी संजीव हंस और उनके करीबियों से जुड़े ठिकानों पर पटना, दिल्ली समेत अन्य शहरों में छापेमारी कर चुकी है.
ऊर्जा विभाग में थे प्रधान सचिव
बता दें कि बिहार सरकार ने आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे आईएएस संजीव हंस को जब उनके पद से हटाया था, तब वे ऊर्जा विभाग में प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत थे. इसके साथ ही वह बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी भी निभा रहे थे. फिलहाल जेल में बंद संजीव हंस के निलंबन की तैयारी चल रही है.
18 अक्टूबर को हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि ईडी ने 18 अक्टूबर को आईएएस संजीव हंस और आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव को गिरफ्तार किया था. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा केस है. आरोप है कि संजीव हंस ने बिहार में विभिन्न पदों पर रहते हुए काली कमाई के जरिए अपनी जेब भरी. इसमें गुलाब यादव की भी भूमिका सामने आई है.
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