बिलासपुर. हरेक व्यक्ति कलाकार होता है और हम जो भी कलाकारी करते हैं, उसे दिल से करना चाहिए. व्यक्ति को सफलता जरूर मिलती है. यह बातें भारतीय मूल के मशहूर चित्रकार राधा विनोद शर्मा ने कही. उन्होंने बताया कि चित्रकारी के फेलोशिप के माध्यम से वे लंदन पहुंचे, लेकिन अपने स्वदेश के लिए असीम स्नेह है. इसी स्नेह को जीवित रखने व कला को बढ़ावा देने के लिए ईमा फाउण्डेशन की स्थापना की है. यह संस्था भारत के त्रिपुरा समेत नार्थ ईस्ट के विभिन्न राज्यों के चित्रकारी एवं अन्य कलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए निःशुल्क निरंतर कार्य कर रही है.

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ समेत त्रिपुरा, महाराष्ट्र एवं अमेरिका के युवाओं ने हिस्सा लिया. प्रतिभागी शिवम मिश्रा ने पूछा कि अगर हमारे अंदर कई सारी कला है तो हमें किस तरह से उसे लेकर आगे बढ़ना चाहिए, जिसका बहुत सरल व प्रैक्टिस उदाहरण देते हुए बताया कि अगर आपके थाली में 5 तरह के व्यंजन है तो आप दुबारा उसी व्यंजन को लेते है, जिसका स्वाद आपको अच्छा लगता है. यानी जो चीजे आपको ज्यादा बेहतर लगे, उसे लेकर आगे बढ़ना चाहिए. साथ ही उन्होंने अपने जीवन के अच्छे एवं बुरे अनुभव को साझा करते हुए कभी हार ना मनाने की सलाह दी है. जीवन में वहीं काम करना चाहिए जो दिल बोलता है. अगर कोई निर्णय लेने में परेशानी हो तो मां से सलाह लेना चाहिए, क्योंकि मां दिल व दिमाग़ दोनों से उत्तर दिया करती हैं.

फुलवारी संस्था के अध्यक्ष नितेश साहू ने बताया कि लॉकडाउन के चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए विभिन्न विधाओं के विशेष लोगों को युवाओं के बीच लाकर उनके कौशल एवं व्यक्ति में निखारने के उद्देश्य से आयोजन निरंतर किया जा रहा है. इसी कड़ी में भारतीय मूल के लंदन निवासी प्रसिद्ध चित्रकार राधा विनोद शर्मा का सेशन आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम फुलवारी शिक्षण एवं युवा कल्याण समिति व यूथ संस्कार फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. राधा विनोद शर्मा ने चित्रकला के विभिन्न पहलुओं पर बात किये एवं प्रतिभागियों के प्रश्नों के जवाब तुंरत चित्र बनाकर किये, जो कार्यशाला के आकर्षण का केन्द्र रहा.