मुंगेली.मुंगेली व्यापार मेला 2017 के तीसरे दिन अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन ने लोगों का भरपूर मनोरंजन किया और हजारों की संख्या में लोग देर रात तक काव्य रस में डूबे नजर आये. अलग-अलग विधा के कवियों ने रात्रि 3:00 बजे तक कड़ाके की ठंड के बीच लोगों को अपनी कविताओं से बांधे रखा.कवि सम्मेलन मे संचालक की जिम्मेदारी प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी कवि पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे ने संभाली.सुरेन्द्र दुबे ने कवि सम्मेलन की शुरुआत में स्टार्स ऑफ टूमारो वेलफेयर सोसाइटी के युवा सदस्यों को उनके रचनात्मक कार्यों के लिये जमकर सराहा. उन्होनें कहा कि यहां के युवाओं के सामाजिक और सांस्कृतिक सरोकार से वे अभिभूत हैं और युवाओं के इस संस्कार से सबको सीखने की जरूरत है.उन्होनें मुंगेली व्यापार मेला के आयोजन की सराहना की और कहा कि इस आयोजन का नाम मुंगेली व्यापार और संस्कार मेला होना चाहिये.
कवि सम्मेलन का शुभारंभ बालाघाट से पधारी कवियित्री माधुरी किरण ने मां सरस्वती की वंदना से किया -*हाथ जोड़े तेरी अर्चना हो गई,* *ध्यान तेरा किया साधना हो गई**सप्त अधरो को स्पर्श करने लगी* *शारदे मां तेरी वंदना हो गई*
काव्य प्रेमियों के हुजूम के बीच मुंबई से आए कवि कपिल जैन ने अपनी हास्य कविता से लोगों को खूब गुदगुदाया. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के द्वारा किये जा रहे विज्ञापन एवं व्यवसायिक सोच पर व्यंग्य पढ़कर उन्होनें सबको सोचने पर विवश कर दिया. छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध गीतकार केदार सिंह परिहार ने अपनी गीतों से खूब तालियां बटोरी | कवि सम्मेलन को आगे बढ़ाते हुए संचालक छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे ठहाके लगवाते रहे | फरीदाबाद से आए कवि सरदार मंजीत सिंह ने हास्य कविता से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. मंजीत सिंह ने, एक पिता के मन की चिंता पर कविता – *’है जलती आग सीने में नहीं डरता सिकंदर से | मगर हूं बाप बेटी का डरा रहता हूं अंदर से ||*
पढ़कर वर्तमान में पिता के दर्द समाज के सामने रखा | श्रृंगार की कवियत्री माधुरी किरण ने *नशे में जिसकी उम्र यू नशीली शाम लिखती हूं | पिलाई जो तूने आंखों से सारे जाम लिखती हूं ||* पढ़कर युवा श्रोताओं को झुमने मजबूर कर दिया | उनके गीतों से श्रोता ताल मिलाते रहे | छत्तीसगढ़ के युवा ओजस्वी कवि देवेंद्र परिहार ने अपनी कविताओं से मां भारती का गान किया | कविता की बीच-बीच में भारत माता के जयकारे लगते रहे | सैनिकों के सम्मान पर उन्होंने
*कहा मुल्क के वास्ते वफादारी किया करते हैं |*
*मुल्क के वास्ते हर पल ही जीया करते हैं ||*
*हम तुम इसलिए महफूज है घर में,*
*क्योंकि सीमा पर जवान प्राण दिया करते हैं ||*
राजीम से पधारे हास्य व्यंग्य कवि कांशीपुरी कुंदन ने गजब का काव्य पाठ किया | व्यवस्था पर चोट करती कविता- *वैसे सब ठीक ठाक है |* ने खूब तालियां बटोरी.. कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे ने लोगों को खूब हंसाया.उनकी कविता – *मोदी के आने से बहुत कुछ बदला है |*
और *हां मैं खामोश बस्तर बोल रहा हूं |*
ने सोचने को मजबूर कर दिया |
कवि सम्मेलन में आभार प्रदर्शन स्टार्स आफ टुमारो वेलफेयर सोसायटी मुंगेली के संयोजक रामपाल सिंह ने किया |इस मौके पर स्टार्स ऑफ टूमारो वेलफेयर सोसाइटी के सभी सदस्य और शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे.