कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश का बहुचर्चित राघवेंद्र गुर्जर हत्याकांड मामले में जिला कोर्ट ने पिता और उसके दो बेटों को उम्र कैद की सजा सुनाई। उधारी की रकम को लेकर विवाद हुआ था। जिसमें मुन्ना खान और बेटे असलम खान, अकरम ने राघवेंद्र गुर्जर को गोली मारी थी।
क्या है पूरा मामला
ये मामला 27 दिसंबर 2019 का है। जब राघवेंद्र गुर्जर, भोलू गुर्जर, रामनरेश गुर्जर मुन्ना के घर पहुंचे। तीनों ही लोग उधारी की रकम वापस लेने के लिए पहुंचे थे। लेकिन मुन्ना और उसके बेटों ने विवाद शुरू कर दिया। बातचीत से शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि इस दौरान गोली मारकर राघवेंद्र गुर्जर की हत्या कर दी गई।
एफआईआर में ये भी दर्ज कराया गया कि अकरम ने इस घटना के लिए अपनी लाइसेंसी 315 बोर की रायफल का इस्तमाल किया था, जो कि आयुध अधिनियम 1959 के तहत दंडनीय अपराध है। कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार इस मामले में मंगलवार को फैसला सुनाया गया। जिसमें पिता और उसके दो बेटों को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
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