रायपुर. बीमा कंपनी द्वारा फसल मुआवजे का भुगतान नहीं किए जाने से नाराज तुलसी गांव के साथ आश्रित ग्राम नकटी के किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे. कलेक्टर से मुलाकात कर समस्या के निराकरण की मांग की.
कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने बताया कि 90 किसानों की लगभग 290 एकड़ सिंचित जमीन का फसल बीमा राशि 29 लाख 31 हजार 875 रुपए का भुगतान हुआ है. लेकिन अभी तक किसानों को पैसा नहीं मिला है. इस संबंध में किसानों ने 25 जुलाई 2018 को तत्कालीन कलेक्टर ओपी चौधरी से भी मुलाकात की थी. इस पर कलेक्टर ने उपसंचालक कृषि को प्रकरण देखने को कहा था, वहां सूची देखने के बाद किसानों का नाम तुलसी 3 राजस्व निरीक्षण मंडल में शामिल दिखाया गया. इससे तुलसी 2 के वास्तविक किसान बीमा लाभ से वंचित हो गए.
इसके बाद उपसंचालक कृषि जिला सहकारी बिनक रायपुर को पत्र लिखकर विषय की जानकारी मांगी थी. फिर सहकारी बैंक द्वारा कहा गया कि हमसे गलती नहीं है, ये तकनीकी दिक्कत है, और किसानों को राशि प्राप्त है, और पत्र लिखकर उपसंचालक कृषि को वापस भेज दिया. इफ्को टोकियो बीमा कंपनी ने बैंक द्वारा डाटा दिए जाने की बात कहकर बैंक को दोषी बताया. विभागों के बीच चक्कर लगा रहे किसानों ने हाईकोर्ट का रुख किया, 26 नवंबर 2018 को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर को, बीमा कंपनी और जिला सहकारी बैंक को नोटिस जारी कर 6 महीने के भीतर निराकरण करने का निर्देश दिया है. इसके बाद भी मुआवजा नहीं मिलने से नाराज किसानों ने तकनीकी दिक्कत हुई है ये पता चल गया तो अब तक क्यो बीमा राशि नहीं मिल रही है. बार-बार भटकना पड़ रहा है.