लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के भउरी गांव में दिल दहलाने वाली घटना चर्चा की विषय बनी है. कर्ज न चुका पाने पर रिकवरी एजेंटों ने किसान को ट्रैक्टर से कुचल कर जान से मारने की कोशिश की.
सीतापुर जिले के भउरी गांव के किसान ज्ञानचंद ने 2015 में एक फाइनेंस कंपनी से 5 लाख रुपये का कर्ज लिया था. उसने 4 लाख रुपये चुका भी दिए थे बाकी के 1 लाख रुपये उसने जल्द ही चुकाने की बात फाइनेंस कंपनी से कही थी. उसने इसी माह 35,000 रुपये भी कंपनी को दे दिए थे. इसके बावजूद भी कंपनी ने रिकवरी का नोटिस जारी कर दिया. उससे बाकी रकम की वसूली के लिए कंपनी के रिकवरी एजेंट ज्ञान के घर पहुंचे.
ज्ञान उस वक्त ट्रैक्टर लेकर खेतों पर काम कर रहे थे. एजेंटों को जब वे घर पर नहीं मिले तो वे सीधे खेत पहुंचे और रकम अदा करने की बात कहने लगे. ज्ञान ने कहा कि वह बकाया रकम जल्द ही कंपनी को दे देगा. इतने पर भी एजेंट नहीं माने औऱ उसे ट्रैक्टर से उतारकर जबरन चाबी छीन ली. ज्ञान एजेंटों को ट्रैक्टर ले जाने से रोकने के लिए ट्रैक्टर के बोनट पर लटक गया. तभी अचानक स्पीड बढ़ा देने से वह बोनट से नीचे गिर गया और ट्रैक्टर के नीचे आकर उसकी मौत हो गई.
घटना की जानकारी होने पर गांव वाले खेत पहुंचे जहां ज्ञान की मौत हो चुकी थी. गुस्साए गांव वालों ने पुलिस को भी खरी खोटी सुनाई. पुलिस ने एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है.
उत्तप प्रदेश की योगी सरकार भले ही कानून व्यवस्था के दुरुस्त होने की बात करती रहे. सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील होने के लाख दावे करे लेकिन एक किसान के साथ इस तरह की क्रूर वारदात सरकार के साथ साथ संवेदनशील प्रशासन के उसके दावों पर भी सवालिया निशाना लगाता है. इस घटना से जहां गांव वालों औऱ आसपास के लोगों में बेहद गुस्सा है वहीं पुलिस की लचर कार्यशैली के चलते लोगों में पुलिस के प्रति भी खासा आक्रोश है.