प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। इंसाफ की आस में एक किसान इस कदर टूट गया कि उसने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी. मामला कबीरधाम जिले में पंडरिया का है, जहां एक किसान वर्षों से अपनी जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे से परेशान है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई.
यह भी पढ़ें : सरगुजा में शाह और नड्डा : मैनपाट में प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर भाजपा की तैयारियां शुरू, सत्ता और संगठन के तीन दिन अहम…
कबीरधाम जिले के पंडरिया निवासी किसान मनीष पांडे पिता मदन लाल पांडे बीते कई वर्षों से अपनी कृषि भूमि पर भू-माफिया द्वारा किए गए अवैध कब्जे से मुक्ति पाने के लिए राजस्व विभाग के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. मनीष पांडे और उनके बड़े भाई आशीष पांडे ने बताया कि उन्होंने कई बार पटवारी, आरआई और राजस्व अधिकारियों को आवेदन दिया, सीमांकन की मांग की, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन और तारीखें ही मिलीं.

उन्होंने बताया कि 23 जून 2025 को कलेक्टर कार्यालय से भू-अभिलेख शाखा ने सीमांकन कर प्रकरण का त्वरित निराकरण करने का आदेश भी जारी किया था. आदेश के बाद दो पटवारी और दो आरआई सीमांकन के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन वहां खसरा नंबर में त्रुटि बताकर जांच अधूरी छोड़ वापस लौट गए.
नक्शा गलत बताते कार्रवाई को टाला
इन तमाम वाकयों के बाद निराश किसान मनीष पांडे ने सीधे कलेक्टर कवर्धा के समक्ष पेश होकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी. हालांकि, कलेक्टर ने उन्हें समझाइश दी और भू-माफिया के खिलाफ जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया. लेकिन अब देखना होगा कि क्या जिला प्रशासन और पुलिस ऐसे भू-माफियाओं पर सख्त कार्रवाई कर पीड़ितों को न्याय दिला पाएंगे?
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें