शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश में अधिकारी कर्मचारियों से परेशान होकर आए दिन किसान अपनी जान दे रहे हैं। लेकिन फिर भी किसानों की कोई नहीं सुन रहा है। ऐसा ही मामला छिंदवाड़ा जिले में देखने को मिला। जंहा किसानों ने जलसंसाधन विभाग की कार्यपालन यंत्री कुमकुम कौरव पटेल पर जेल भेजने की धमकी देने और परेशान होकर एक किसान द्वारा जहर का खाने का आरोप लगाया है।
परिवार के भविष्य की चिंता में खाया जहर
छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा तहसील के गाडरवारा गांव में जलाशय के डूब में जा रही जमीन को लेकर परेशान किसान मुकेश पिता चंदर यादव (38) ने अपने परिवार के भविष्य की चिंता में जहर खा लिया। परिवारजनों ने कार्यपालन यंत्री पर आरोप लगया है कि कुमकुम कौरव पटेल ने किसानों को धमकी दी। जिससे किसान ने परेशान होकर जहर का सेवन किया। मंगलवार शाम को उल्टियां होने और पेट में सूजन आने पर परिवार और गांव के लोगों ने उसे अमरवाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया। हालत गंभीर होने पर प्राइमरी उपचार के बाद पीड़ित किसान को जिला अस्पताल रेफर किया गया। जहां इलाज के बाद उसकी हालत में सुधार बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि, मंगलवार को ही गाडरवारा जलाशय के लिए भू-अर्जन का सर्वे करने जल संसाधन विभाग, राजस्व की टीम पुलिस बल लेकर पहुंची थी। जिसका किसानों ने विरोध जताया, जिसमें मुकेश भी शामिल था। कहा जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को डराया-धमकाया भी गया।
खास बात यह कि जिन गांवों में सिंचाई के लिए गाडरवारा में जलाशय बनाया जा रहा है। वे गांव शक्कर परियोजना के कमांड में शामिल है। इसलिए इस बांध की कोई जरूरत ही नहीं समझ में आ रही है। शक्कर परियोजना से अमरवाड़ा के 92 गांव की 31 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होना है। जिसमें गाडरवारा, सिमरिया मुलतानी, जुगावानी और हिरीं गांव भी शामिल हैं।
खेती पर निर्भर है परिवार
किसान का पूरा परिवार खेती पर निर्भर है। परिवार में 5 बच्चों सहित कुल 11 सदस्य हैं। जो इसी जमीन पर निर्भर हैं। जब पूरी जमीन डूब में चली जाएगी तो परिवार कैसे पालेंगे। अभी उसी जमीन पर खेती के साथ मजदूरी कर परिवार का गुजारा हो जाता है। जलाशय के निर्माण का सभी लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। मंगलवार को पुलिस सहित अधिकारी सर्वे करने पहुंचे थे। विरोध के दौरान मुझे डराया, धमकाया गया, अंदर करने की धमकी दी गई। किसान टेंशन में था, इसलिए उसने जहरीली दवा थायो डॉन पी लिया मंगलवार को गाडरवारा में सर्वे कार्य करने अमरवाड़ा, हर्रई थाना पुलिस, दो तहसीलदार, पटवारी और जल संसाधन विभाग की टीम पहुंची थी।
गाडरवारा जलाशय से प्रभावित किसान लगातार विरोध जताते आ रहे हैं। जलाशय के निर्माण से गाडरवारा, जिल्हेरी और सिमरिया तीन गांव के किसान प्रभावित हो रहे हैं। पिछले दो साल से वे कलेक्टर सहित विभाग के अधिकारियों के समक्ष डेम न बनाने की गुहार लगाते आ रहे हैं। किसानों ने भोपाल जाकर भी गुहार लगाई। इसके बाद भी मंगलवार जब दलबल के साथ अधिकारी सर्वे करने पहुंचे तब भी ग्रामीणों ने मौके पर जाकर विरोध जताया था। घटना के बाद से लगातार प्रशासन इस मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है।
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