नई दिल्ली. केंद्र के तीन कृषि बिलों के खिलाफ देश भर के किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का आंदोलन भारी ठंड में भी जारी रहा. अब चुभती गर्मी भी किसानों के हौसले को डिगा नहीं पाई. आज लगभग 6 महीने होने को है, लेकिन अभी भी किसानों के मसले नहीं सुलझ पाए हैं. प्रदर्शन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को आंदोलन पर स्थिति स्पष्ट की. भारतीय किसान यूनियन के नेता टिकैत ने कहा कि सरकार जब तक MSP पर कानून नहीं बनाती तब तक किसान वापस नहीं जाएगा.
किसान नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा के रेवाड़ी में कहा कि सरकार किसानों के सभी मसलों पर बातचीत करें. किसानों की बात नहीं मानने तक हम जाएंगे नहीं. टिकैत ने कहा कि कोरोना का रास्ता अस्पताल जाता है और किसान का रास्ता पार्लियामेंट जाता है, दोनों के रास्ते अलग है. उन्होंने केंद्र द्वारा DAP फर्टिलाइजर पर सब्सिडी बढ़ाने पर कहा कि मोदी सरकार ने ऐसा किसानों के दबाव में किया है. फर्टिलाइजर की कीमत 1900 रुपए हो गई थी. इसके खिलाफ किसान संगठनों ने सरकार के पर दबाव बनाया. किसान संयुक्य मोर्चा के चल रहे विरोध प्रदर्शनों में भी ये मामला उठाया गया था.
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इस दौरान राकेश टिकैत ने केंद्र तीन बिलों को वापस लेने की मांग दोहराई. उन्होंने कहा कि केंद्र को कृषि बिलों को वापस लेना चाहिए. किसान पिछले छह महीनों से इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. सैकड़ों की तादाद में किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर पिछले साल 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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