दुर्ग। कीटनाशक के छिड़काव के बाद भी फसल को बचाने में नाकाम रहे किसान ने हताशा में आत्महत्या कर ली. फसल खराब होने से कर्ज और रेग लिए गए खेत का भुगतान करने में अपने को असमर्थ पाते हुए किसान को आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा. पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है.

घटना मचांदुर चौकी अंतर्गत ग्राम मातरोडीह की है, जहां रहने वाला किसान 34 वर्षीय दुर्गेश निषाद शनिवार की शाम को खेत जाने के लिए निकला तो वापस घर नहीं लौटा. दूसरे दिन रविवार सुबह आठ बजे खेत की मेड़ में कौहा के पेड़ पर वह लटकते हुआ मिला. घटना की सूचना मिलने पर मचांदुर थाना चौकी की टीम पहुंची और मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसके बाद शव को परिजनों का सौंप दिया.

रेग पर लिया था चार एकड़ खेत

घटना की जानकारी देते हुए मचांदुर चौकी प्रभारी श्यामलाल नेताम ने बताया कि मृतक दुर्गेश डेढ़ एकड़ स्वयं की और चार एकड़ रेग पर लेकर धान की फसल ले रहा था. इस बीच फसल में पीलापन नजर आने लगा, जिसके उपचार के लिए उसने कीटनाशक का इस्तेमाल किया, लेकिन फिर भी फसल की हालत नहीं सुधार नहीं हुई. किसान ने अपने सुसाइडल नोट में फसल की बीमारी दूर नहीं होने पर आत्महत्या की बात लिखी है.

आंख की परेशानी से नहीं की शादी

जानकारी के अनुसार, मृतक दुर्गेश निषाद के दो और भाई है, जो बीएसपी में ड्रायवरी का काम करते हैं. दुर्गेश आंख की रोशनी कम होने की वजह से शादी नहीं किया था. दुर्गेश अपने माता-पिता के साथ रहते हुए अकेला खेती किया करता था. इस बार बेहतर फसल के लिए उसने कर्ज भी लिया, लेकिन फसल खराब होने से वह तनाव में आ गया था, जिसकी वजह से उसने आत्मघाती कदम उठाया दुर्गेश की मौत से बूढ़े मां-बाप के साथ पूरा परिवार सदमा की स्थिति में है.

नकली खाद-दवा बेचने वालों पर कार्रवाई

नकली कीटनाशक की वजह से फसल खराब होने पर किसान के आत्महत्या किए जाने की घटना पर दुख जताते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि कृषि अधिकारी को जांच के लिए भेजा गया है. जांच के बाद मृत किसान के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा. वहीं उन्होंने बताया कि नकली खाद-बीज बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.