रायपुर। केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए किसान व कृषि विरोधी कानून के विरोध में प्रदेश के 25 संगठनों ने छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में किसानों ने काले कानून की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन का आगाज कर दिया. इस कड़ी में 3 अक्टूबर को राजनांदगांव में चक्काजाम करना तय किया गया है.
राजधानी के आजाद चौक स्थित गाँधी प्रतिमा के सामने किसान सत्याग्रह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने संसद से पारित कृषि बिल को लेकर अपने विचार व्यक्त किए. वरिष्ठ किसान नेता ठाकुर रामगुलाम सिंह ने कहा कि आज दलगत राजनीति से ऊपर उठकर किसानों, मजदूरों, बेरोजगार युवाओं के अधिकारों के पक्ष में खड़े होकर लुटेरी व्यवस्था के खिलाफ संगठन और आंदोलन को मजबूत करने की जरूरत है. नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कहा कि केन्द्र सरकार की संवेदनहीनता से आक्रोशित देश के किसानों ने 27 नम्बर तक देशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा बनाई है.
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी किसानों ने 2 अक्टूबर से राज्यव्यापी किसान आंदोलन का उद्घोष कर दिया है, जिसके तहत 3 अक्टूबर से गांवों में किसान मजदूर बइठका आयोजित किया जाएगा, साथ ही 3 अक्टूबर को ही जिला किसान संघ द्वारा राजनांदगांव की ओर से चक्काजाम किया जाएगा. 14 अक्टूबर को रायपुर सांसद सुनील सोनी का घेराव कर किसान पूछेंगे कि आपने किसानों की मांग थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर उपज की खरीदी न हो और ऐसा नहीं होता है तो उनके ऊपर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा, इसे कानून में शामिल क्यों नहीं किया गया.
सत्याग्रह सभा को पूर्व जिला पंचायत सदस्य द्वारिका साहू, महासमुंद जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चंद्राकर महासमुंद, गिरधर मढ़रिया पिछड़ा समाज दुर्ग; पूर्व विधायक व छमुमो अध्यक्ष जनकलाल ठाकुर दल्लीराजहरा, रघुनंदन साहू घनश्याम साहू, गेंदसिंह ठाकुर बालोद, जिला किसान संघ राजनांदगांव के मोतीलाल सिन्हा राजनांदगांव, राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति के पारसनाथ साहू, गणपत साहू, कैलाश, सौरा यादव, संतोषी साहू राजिम, मदन लाल साहू फिंगेश्वर व अन्य ने संबोधित किया. सभा के पश्चात तहसीलदार को राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. कार्यक्रम का संचालन संचालक मंडल सदस्य व अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के तेजराम विद्रोही राजिम ने तथा आभार कृषि वैज्ञानिक डॉ संकेत ठाकुर ने व्यक्त किया.