शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में किसान फसल बीमा की राशि को लेकर परेशान और नाराज है। कई जिलों के किसानों को फसल बीमा का समुचित लाभ नहीं मिला है। फसल बीमा राशि को लेकर एकबार फिर बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप जारी है। कांग्रेस ने जहां बीजेपी की नीति को किसान विरोधी बताया है वहीं बीजेपी ने भी कांग्रेस पर पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा है कि ये सब कमलनाथ और कांग्रेस के पाप है।

फसल बीमा की राशि नहीं मिलने से नाराज किसान का मामला कालापीपल विधानसभा की फरड़ पंचायत का है। किसान रामस्वरूप को 2 लाख 25 हजार की जगह मिले सिर्फ 45 हजार रुपये। 33 हजार 840 बीमे की प्रीमियम जमा की थी। 50 फीसदी फसल क्षति पर शत प्रतिशत बीमा भुगतान का है प्रावधान। सर्वे रिपोर्ट मे फरड़ पंचायत में 90 फीसदी फसल को नुकसान हुआ है।

इसी तरह महेन्द्र रघुवंशी ग्राम बमोरी जिला रायसेन ने दो अलग-अलग खाते से फसल बीमा की प्रीमियम जमा की थी। एक खाते में बीमे की राशि पहुंची एक खाते में नहीं आई। जो पैसे आए भी उसे भी बैंक द्वारा होल्ड कर दिया गया।

इसी तरह एक और किसान राजकुमार शर्मा ग्राम बागोद जिला विदिशा बीमा राशि डाली गई वो बैंकों ने काट ली। 31 मार्च तक केसीसी जमा करने की आखिरी डेट है लेकिन उससे पहले ही राशि काट ली गई है। 1350 रुपये बीघा मुआवजा मिला है। मैसेज आया है 15 हजार से ज्यादा का। उन्होंने बीमा की जांच करवाकर सही राशि दिए जाने की मांग की है। जो बीमा मिला है वो भी कर्ज में काटा जा रहा है।

फसल बीमा राशि को लेकर पूर्व मंत्री एवं विधायक कांग्रेस पीसी शर्मा ने कहा है कि बीजेपी की नीति किसान विरोधी है। सिर्फ पब्लिसिटी करने में लगी है सरकार। कांग्रेस किसानों के आंकड़े जुटा रही है। सदन में इस मुद्दे को उठाएंगे। कई जगहों पर ऑटो डिटेक्ट हो जा रही है किसानों की बीमा राशि। अभी पैसों की किसानों को जरूरत है और उस वक्त ऑटोमेटिक डिटेक्ट कर दिया जा रहा है। ये नियमों के खिलाफ है। जानबूझकर किसानों को परेशान किया जा रहा है।

पीसी शर्मा के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने भोपाल में कहा कि ये सब कमलनाथ और कांग्रेस के पाप है। ये सब कुछ दिक्कतें कर्ज माफी योजना के कारण हुई है। पीएम और सीएम सम्मान निधि के पैसे नहीं कट रहे है। अगर कुछ जगह शिकायत अभी रही है तो उसे दिखवा कर कार्रवाई करवाऊंगा।

फसल बीमा क्लेम के आंख खोलते आंकड़े
NEWS24 MP-CG के पास हैं चार साल के आंकड़े।

2019-20 में देशभर से 32022 करोड़ की प्रीमियम राशि जमा हुई।
फसल बीमा की राशि 25822 करोड़ का भुगतान किया।

2018-19 में देशभर में 29036 करोड़ की प्रमियम राशि जमा हुई।
फसल बीमा की राशि 28129 करोड़ का भुगतान किया।

2017-18 में देशभर में 24670 करोड़ की प्रमियम राशि जमा हुई।
फसल बीमा की राशि 22118 करोड़ का भुगतान किया।

2016-17 में देशभर में 21654 करोड़ की प्रमियम राशि जमा हुई।
फसल बीमा की राशि 16809 करोड़ का भुगतान किया।

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