पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद. तीन सूत्रीय मांग को लेकर विगत 6 जून से जिले के 67 सहकारी समिति के प्रबंधक हड़ताल पर हैं. जिससे किसानों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, खाद बीज और नगद ऋण देने से पहले समिति प्रबंधकों के मोबाइल में ओटीपी जाता है. जिसके बाद किसानों को लोन मिलता है. लेकिन प्रबंधको के हड़ताल पर जाने से किसानों को लोन नहीं मिल पा रहा है. हड़ताल के 10वें दिन विकल्प के रूप में लगाई गई ड्यूटी किसानों के लिए केवल खाना पूर्ति साबित हो रही है. जिले में अब भी 35 फीसदी किसानों को ऋण देना बाकी है. प्रबंधको का दावा है कि हड़ताल जारी रही तो 20 हजार से ज्यादा किसान योजना से वंचित हो जाएंगे.

प्रबंधको के हड़ताल में होने से ज्यादातर समिति कार्यालय में ताला बंद की स्थिति बन गई थी, हांलाकी देवभोग शाखा प्रबंधक दुष्यंत इंगले ने हड़ताली कर्मियों से चाबी ले ली थी, जिससे देवभोग ब्लॉक में ताला बंदी की स्थिति नहीं आई. लेकिन जिले के अन्य ब्लॉक में दफ्तरों में ताले लटक रहे थे. जानकारी के मुताबिक जिले में अब भी 35 फीसदी किसान ऐसे हैं जिन्हें अब तक लोन नहीं मिला है. योजना में विलंब के चलते आक्रोश भी बढ़ रहा था. लेकिन इसी बीच शुक्रवार को कलेक्टर आकाश छिकारा ने सभी समीतियो में हड़ताली प्रबंधको के विकल्प में दूसरे कर्मियों को ड्यूटी लगवा कर काम सुचारू रूप से संचालन का आदेश दिया है. सहकारी बैंकों के शाखा प्रबंधक, मार्केटिंग सीईओ, प्रवेक्षक, कृषि विभाग के आरईओ, ग्राम सेवक जैसे अफसरों को दो से तीन सहकारी समितियों की ड्यूटी दी गई थी. आदेश के बाद देवभोग की सारी समिति खोल दी गई. बंद पड़े उपभोक्ता दुकान को खोला गया. समिति प्रबंधको का समर्थन कर रहे दैनिक वेतन भोगी जो उपभोक्ता केंद्र में सेल्समैन का काम कर रहे हैं, उन्हें बुलाकर सुचारू रूप से राशन वितरण कराया गया. लेकिन किसानों के ऋण का काम बाधित रहा.

ऑनलाइन होना है काम, अंगूठा और ओटीपी हड़ताली कर्मियो के पास

अटके पड़े ऋण वितरण के काम को गति देने के उद्देश्य से प्रशासन ने जो वैकल्पिक व्यवस्था करने का दावा किया है, वह महज खानापूर्ति साबित होती दिख रही है. खाद बीज और नगद वितरण ऑनलाइन पोर्टल से हो रहा है. हर समिति के पोर्टल की ओटीपी और पोज मशीन में लगाए जाना वाला अंगूठा हड़ताल में गए प्रबंधक के पास है. जिसे बदलने के लिए भी लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा. ऐसे में आज केवल दफ्तर खोल कर प्रभारियों ने खानापूर्ति कर दी है. इस व्यवस्था से किसानों की समस्या में कमी नहीं आई है. राशन दुकानों में राशन वितरण का काम बस हो सका है.

50 फीसदी किसान हो रहे प्रभावित

सहकारी समिति कर्मी संघ के जिला अध्यक्ष प्रमोद यादव ने दावा किया है को जिले भर में अब भी ऋण की पात्रता रखने वाले 50 फीसदी किसान जिनकी संख्या 20 हजार से ज्यादा हैं. उन्हें अब तक ऋण योजना का लाभ नहीं मिला है. ऑनलाइन प्रक्रिया का हवाला देकर यादव ने भी कहा क प्रशासन की वैकल्पिक व्यवस्था भी काम नहीं आयेगा. यादव ने कहा की बात चीत के लिए शुक्रवार को राजधानी बुलाया गया गया है. हमारी मांगे मानी गई तो हम काम पर लौट जाएंगे.

बात चीत से रास्ता निकालने की तैयारी

मामले में सहकारिता के जिला नोडल अधिकारी प्रहलाद पूरी गोस्वामी ने भी माना की वैकल्पिक व्यवस्था से केवल दफ्तर खोले जा सकते हैं. किसान योजना से वंचित न हो जाएं इसलिए प्रधान कार्यलय और साशन स्तर पर बातचीत की पहल की गई है. उम्मीद है कि बातचीत में कोई रास्ता निकल कर आएगा.

प्राधिकृति अधिकारियों के समर्थन ने बढ़ाया मनोबल

हर समिति में सरकार ने कांग्रेस संगठन के एक नेता को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया है. दो दिन पहले सभी प्राधिकृत अधिकारी कर्मियों के मांग को जायज ठहराते हुए उनके समर्थन में आ गए. इनके समर्थन के बाद आंदोलनरत कर्मियों का मनोबल बढ़ा है.