शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले को टमाटर का गढ़ माना जाता है। यहां से टमाटर मुंबई तक जाता है। लेकिन इस साल टमाटर की बंपर आवक होने के चलते किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा है। आलम यह हो गया है कि किसान की लागत तो छोड़िए मंडी तक लाने का भाड़ा भी नहीं निकल पा रहा है। नतीजा यह है कि टमाटर किसान अब फसल पर रोटरवेटर चलाकर फसल बर्बाद करने की बात कह रहे हैं।
दरअसल, टमाटर की बंपर आवक होने से किसानों और व्यापारियों को इस वर्ष खासा नुकसान हुआ है। तमाम दावों के बावजूद भी छिंदवाड़ा में टमाटर के संग्रहण की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है, जिसका नतीजा यह है कि 20-25 रु किलो बिकने वाला टमाटर 1-2 रुपए किलो बिक रहा है। फायदा और लागत तो दूर तोड़ने का खर्च तक नहीं निकल पा रहा है।
सही दाम ना मिलने से किसान टमाटर फेंकने को मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि हजारों रुपए खर्चा कर टमाटर की खेती की थी, लेकिन दाम सही नहीं मिल रहे हैं। एक रुपए किलो खरीदा जा रहा है। भाड़ा तक नहीं निकल पाता है। इसलिए अभ फसल को बर्बाद करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक