अनिल सक्सेना रायसेन। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के अन्नदाता किसान धान बेचने के लिए परेशान हो रहे है। कृषि उपज मंडी में धान की बंपर आवक के कारण जगह नहीं है लिहाजा दशहरा मैदान पर खरीदी हो रही है, जहां किसानों को अपनी बारी आने के लिए 3 से 4 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है।

बेचने के लिए दो से दिन दिन लग रहे

दरअसल रायसेन जिले के अलावा आसपास के जिलों भोपाल, विदिशा, अशोकनगर सहित अन्य स्थानों पर किसान धान बेचने आ रहे हैं। रायसेन मंडी में रोजाना ही करीब एक हजार से अधिक ट्रैक्टर ट्रालियों से किसान धान लेकर पहुंच रहे है। लेकिन मंडी में जगह नहीं होने के कारण धान की नीलामी दशहरा मैदान पर हो रही है। यहां नीलामी के लिए किसान अपनी ट्रालियां और अन्य वाहन खड़े करते है। किसानों को खुले आसमान के नीचे तेज ठंड में उपज बेचने के लिए दो से दिन दिन लग रहे हैं।

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दिन भर में चार पांच सौ ट्रालियां ही नीलाम

यहां किसानों की सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं है। न बिजली पानी की व्यवस्था है। आए दिन किसान अपनी ट्रालियों को नीलामी के लिए खड़ी करने की जद्दोजहद में लगे रहते है। कई बार इसी को लेकर विवाद और मारपीट तक हो जाती है। कई लोग रस्सियां लगाकर जगह रोक लेते है इसमें बाहर से आने वाले किसानों से दो से पांच सौ रुपए तक की अवैध वसूली होती है। दिन भर में चार पांच सौ ट्रालियां ही नीलाम हो पाती है शेष अगले दिन के लिए छोड़ दी जाती है। किसानों का आरोप हे कि यहां नीलामी 11बजे शुरू होती है दो घंटे के बाद भोजन अवकाश फिर दोपहर बाद नीलामी होती है। नगद भुगतान के लालच में किसान मंडी आते हैं। किसानों को धान का पर्याप्त दाम नहीं मिल पा रहा है। उनकी लागत ही नहीं निकल पा रही है।

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