गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही. छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम जोरों पर है, लेकिन जिले के तिलोरा गांव सहित कई अन्य इलाकों के किसानों को रकबा कटौती और ऑनलाइन रिकॉर्ड की समस्याओं के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि इन समस्याओं की वजह से वे अपने पट्टे में धान नहीं बेच पा रहे हैं.

रकबा कटौती और ऑनलाइन खसरा की समस्या

जिले के सैकड़ों किसानों का आरोप है कि राजस्व विभाग में रकबा कटौती और खसरा बी-1 की ऑनलाइन एंट्री नहीं होने के कारण वे धान खरीदी केंद्रों में अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचने से वंचित हैं. पहले ये किसान अपने पट्टे में आसानी से धान बेचते थे, लेकिन अब रकबा कटौती और ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज न होने से वे बार-बार तहसीलदार और पटवारी कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

कलेक्टर कार्यालय पहुंचे किसान

इस समस्या से परेशान किसान जिले के कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द रकबा सुधार की मांग की. किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी शिकायतों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.

समर्थन मूल्य पर धान बेचने में देरी

इन समस्याओं के चलते किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर यह समस्या जल्द हल नहीं होती, तो उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा. जिला प्रशासन से उन्होंने मांग की है कि इस समस्या का समाधान शीघ्र निकाला जाए ताकि वे अपने अधिकार के तहत धान बेच सकें.

राजस्व विभाग का बयान

राजस्व विभाग के अनुसार, तिलोरा गांव के किसानों को जो पट्टा जारी किया गया था, वह पड़ोसी जिला कोरबा से संबंधित है. इसी वजह से गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के राजस्व रिकॉर्ड में इन किसानों का डेटा ऑनलाइन दर्ज नहीं है. जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि रिकॉर्ड की जांच के बाद सुधार प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी.