पंकज सिंह भदौरिया,दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर धान खरीदी शुरु हो गई है. ऐसे में किसान धान की कटाई कर मिजाई के लिए खलिहानों में रख रहे हैं. जिससे वो धान को अलग कर बेच सके. लेकिन किसानों के इस मेहनत पर पानी फिर गया है. दरअसल दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र के बुरगुम गांव के एक किसान की मिजाई के लिए रखी गई धान को जला दिया गया है. जिससे उसे काफी नुकसान हुआ है.

किसानों का आरोप है कि मंगलवार को गश्त के दौरान डीआरजी के जवानों ने गायतापारा के पास खेत-खलिहान के पास 4 कोठारों में रखा धान जला दिया है. जिससे पोदीया मरकाम नाम के किसान की करीब सैकड़ों क्विंटल धान की फसल जलकर खाक हो गया. किसानों ने एक जवान की पहचान भी की है. जिसे वो नीलवाया क्षेत्र से सरेंडर नक्सली बता रहे हैं, जो अब डीआरजी में भर्ती हो गया है.

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सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी को जैसे ही घटना की जानकारी लगी, तो वो 5 लोगों के साथ बुरगुम गांव घटना की तस्दीक करने पहुंची. जहां ग्रामीणों ने उन्हें भी बताया कि जवानों ने उनके धान की फसल को जलाया है. आज अरनपुर थाने में घटना की एफआईआर करने बुरगुम के पीड़ित किसान को लेकर सोरी पहुँची. अपने साथ जले हुए धान को सागौन पत्तो में लपेटकर रखी हुई थी जिसे पुलिस को दिखाया गया.

वहीं इस पूरी घटना को दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने सिरे खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि मामले में जवानों की संलिप्ता नहीं हो सकती है. यह सब फोर्स को बदनाम करने की कूटरचना है. आखिर ये जवान धान क्यों जलाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि पोटाली कैम्प की बौखलाहट पर दबाव बनाकर ग्रामीणों से आरोप लगवाया जा रहा है. घटना स्थल पर जाकर मामले की जांच की जाएगी. वहीं ग्राउंड पर ही सत्यता उजागर होगी.

अब देखना यह होगा कि क्या वाकई में जवानों ने किसानों की धान की फसल को जलाया है या फिर ग्रामीण ही जवानों पर झूठा आरोप लगा रहे हैं. फिलहाल यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.