पंकज भदौरिया, दंतेवाड़ा-धान खरीदी केंद्रों में अवैध धान रोकने प्रशासन ने जांच टीम गठित की है, लेकिन वहीं टीम डरा धमकाकर किसानों से वसूली करने में लगे हैं. यह आरोप किसानों ने लगाया है. उन्होंने बताया कि फूड इंस्पेक्टर धान गुणवत्ता में कमी बताकर 5 हजार से लेकर 15 हजार रुपए वसूल रहे हैं.
किसानों ने बताया कि फ़ूड इंस्पेक्टर प्रहलाद राठौर नकुलनार धान खरीदी केंद्र पहुंचे और स्यानपारा निवासी किसान मोहनलाल से खराब धान बताकर 5 हजार रुपए वसूल लिए. इसी तरह से हल्बारास के किसान सुरेंद्र भोयर से 15 हजार रुपए की मांग की. पैसा लेने के लिए अधिकारी किसान के घर पहुंच गए, और पैसा नहीं देने पर किसान की हालर मील बंद कराने की धमकी दी. इसी तरह किसान महावीर से 10 हजार रुपए और सुखदेव 10 हजार, किसान संपत से 20 हजार रुपए लेने का आरोप लगाए.
मीडिया के पहुंचते ही फ़ूड इंस्पेक्टर फरार
जब मीडिया तक यह घूसखोरी की बात पहुंची तो फ़ूड इंस्पेक्टर प्रहलाद राठौर भागने लगे. जब मीडिया कर्मियों ने उनसे पूछा कि आप किस नियम के तहत पैसे ले रहे हैं, तो उन्होंने मीडिया पर ही आरोप जड़ दिया कि तुम लोगों को नहीं मिला होगा, इसलिए मुझ पर आरोप लगा रहे हो. घटना की खबर होते ही दंतेवाड़ा प्रशासन में हड़कंप मच गया.
हर पीड़ित किसान का दर्ज किया गया बयान
फ़ूड इंस्पेक्टर के अवैध वसूली तंत्र में फंसे पीड़ित गरीब किसानों से तहसीलदार ने एक-एक किसान के बयान दर्ज किये. जहां किसानों ने बताया कि फ़ूड इंस्पेक्टर धान में कमियां निकालकर पैसे ले रहे थे. इधर फ़ूड इंस्पेक्टर भी मौके पर पहुंचकर अपने आप को बेगुनाह बताने में लगे हुए थे.
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा इस मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने एसडीएम को तत्काल जांच के आदेश देकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. वहीं एसडीएम भरोसराम ठाकुर ने कहा कि जांच के बाद फ़ूड इंस्पेक्टर पर कार्रवाई होगी.