सुदीप उपाध्याय, वाड्रफनगर। प्रदेश में जहां एक ओर धान खरीदी को ले कर हाहाकार मचा हुआ है, वहीं बैंक प्रबंधन भी मौके का फायदा उठाते हुए किसानों के साथ धोखाधड़ी करने से नहीं चूक रही है. मामला बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर स्थित सेंट्रल बैंक का है, जहां केसीसी के नाम पर पैसा उगाही का खेल जारी है. इस खेल से ठगे गए किसानों ने बैंक प्रबंधन की संलिप्तता को उजागर करने पुलिस का सहारा लिया है.
मामला बीते दिनों 27 दिसंबर का है, जब केसीसी का पैसा निकालने तीन भाई कुश पटेल, दिलीप पटेल व उनका छोटा भाई अपने सामूहिक खाते से 50 हजार रुपए निकलने सेंट्रल बैंक आए. बैंक मैनेजर ने उनका विड्राल कैश काउंटर से मंगवाकर अपने पास रख लिया और घण्टों इंतजार कराने के बाद अपने काउंटर के समीप बुलाकर केवल 40 हजार रुपए ही भुगतान किया. जब कुश पटेल ने इसका विरोध किया तो 10 हजार बाद में देने की बात कही.
बैंक ने कैश नहीं बताया और दलालों ने निकाल लिए पैसे
सेंट्रल बैंक से निकलने के बाद बाहर एक दलाल ने भी इनसे 5 हजार केसीसी खर्च के नाम ले लिया, वहीं ग्राम कोटरहि के निवासी गहदुल गोंड़ का भी 3 लाख केसीसी सेंट्रल बैंक में स्वीकृत हुआ, जब वह पैसा निकालने बैंक पहुंचा तो बैंक प्रबंधन ने कैश नहीं होने की बात कही. गहजुल जब बैंक से बाहर की ओर निकलने लगा, तब बैंक के दलालों ने घेर पैसा दिलाने की बात कहने लगे. गहदुल झांसे में आ गया और बैंक में कैश नहीं होने के बाद भी रामलाल, राजेश, नाबलक नाम के तीनों व्यक्ति ने गहदुल के केसीसी खाते से 2 लाख बैंक मैनेजर की सहमति से निकाल लिए, जिसके बाद गहदुल को जंगल मे ले जाकर महज 16 हजार ही दिए, बाकी बैंक मैनेजर को खर्च देने के नाम पर रख लिए.
पुलिस तक पहुंचा मामला
इस संबंध में सेंट्रल बैंक के मैनेजर मुकेश कुमार से लल्लूराम डॉट कॉम के संवाददाता ने बात की तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाएं, वहीं किसी से भी नहीं डरने की बात कहने लगे. बहरहाल,मामला पुलिस तक पहुंच चुका है. एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल ने बताया कि वाड्रफनगर क्षेत्र के दो कृषकों से शिकायत मिली है कि उनके साथ बैंक में पैसा निकालने के दौरान धोखाधड़ी की गई है, जिसकी जांच की जा रही है, जांच के बाद दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी.