इमरान खान, खंडवा। भारत कपास निगम (CCI) के द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों का कपास की खरीदी की जा रही हैं। इस दौरान किसानों ने सीसीआई पर अनियमितता का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि, मंडी में उपज की नीलामी के दौरान ही कपास की नमी चेक करके उपज के दाम तय होते है। लेकिन CCI के अधिकारी जब किसान जोनिंग में माल लेकर आते है तो नमी वाला माल बताकर किसानों को परेशान कर रहे है। वहीं CCI के अधिकारियों का कहना है कि मंडी में किसान एक दो फिट माल देखने में आता है लेकिन जब गाड़ी खाली होती है तो नीचे कपास नमी वाला निकल रहा है। भारत कपास निगम के नियम के अनुसार कपास नहीं होने के कारण हम माल नहीं ले सकते है।
उपज का कम दाम तय कर देते
खंडवा को इंदौर रोड़ पर वर्धमान जिनिंग फैक्ट्री पर किसानों और सीसीआई के अधिकारियों के बीच बहस हो गई। मौके पर भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी भी पहुंचे। किसानों का कहना था कि जब मंडी में उपज की नीलामी हो गई, वहां कोई गड़बड़ी नहीं मिली। फिर फैक्ट्री लाकर तौलकांटा होने के बाद वाहन खाली होता है, तब सीसीआई के अधिकारी उपज में ज्यादा नमी बताते और उपज का कम दाम तय कर देते है। या फिर रिजेक्ट कहकर वाहन को वापस ले जाने की बात कहते हैं।
गाड़ी खाली करने से मना कर दिया
सुलगांव से आए किसान दीलिप बोरदिया ने कहा कि, मंडी में नीलामी के दौरान मेरी उपज में कोई मिस्टेक नहीं बताई गई। फैक्ट्री में गाड़ी खाली करने आए तो ग्रेडर ने गाड़ी रोक दी। मैंने कहा कि इसमें कोई मिस्टेक नहीं है, किसान की गाड़ी है। लेकिन उन्होंने गाड़ी खाली करने से मना कर दिया। ग्रेडर ने कहा कि इसमें ज्यादा नमी है।
सीसीआई के अधिकारी मनमानी करते
भारतीय किसान संघ के सुभाष पटेल ने कहा कि, इस महीने में कपास की उपज सूखी है, बावजूद किसानों को परेशान किया जा रहा है। सभी जिलों में व्यवस्था ठीक चल रही है। सिर्फ खंडवा जिले में सीसीआई के अधिकारी मनमानी करते है। व्यापारियों की सभी गाड़ियां खाली हो जाती है, सिर्फ किसानों को जबरन परेशान किया जा रहा है। एक गाड़ी में 10 क्विंटल कपास है, मंडी में उसका मूल्य 7800 रुपए प्रति क्विंटल तय हो चुका है। यहां खाली कराने आए तो अधिकारी उसका मूल्य 6500 रुपए प्रति क्विंटल तय कर रहे है नहीं तो किसान को वापस भेज रहे है।
अनलोडिंग के दौरान कपास ज्यादा नमी वाला निकलता
भारत कपास निगम के अधिकारियों का कहना है कि, मंडी में नीलामी के दौरान किसान वाहन में रखी उपज को दो चार फीट तक खुदवाते है। वहां कपास का आंकलन नहीं हो पाता है। सीसीआई का मापदंड है कि 8 से 12 प्रतिशत नमी का कपास ही खरीदना है। गुल्लियां, कलीयुक्त कपास हम लोग नहीं लेते है। यह हमारे एफक्यू में नहीं आता है। यहां अनलोडिंग के दौरान कपास ज्यादा नमी वाला निकलता है। किसान फिर हंगामा करते है। हमारे द्वारा पंजीयनकर्ता किसान से ही कपास लिया जाता है। मंडी स्टाफ की मौजूदगी में कपास की नीलामी होती है।
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