कांकेर। कांकेर में किसानों का कलेक्टर से पानी की फरियाद लगाना महंगा पड़ गया, किसानों को पानी तो नहीं मिला अलबत्ता उनके खिलाफ अपराध जरुर दर्ज हो गया. आपको जानकर आश्चर्य लगेगा कि प्रशासन ने इस कार्रवाई के पीछे एक बस कंडेक्टर की शिकायत का हवाला दिया है. प्रशासन की यह कार्रवाई अब सवालों के घेरे में आ गई है.
शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में अपनी 12 सूत्रीय मांगो को लेकर किसानों ने रैली निकाली थी, और कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिए कलेक्टोरेट कार्यालय जा रहे थे. इस बीच कांकेर एसडीएम भारती चंद्राकर और तहसीलदार टीपी साहू ने किसानों को ज्ञानी चौक के पास रोक दिया था. जिला प्रशासन ने किसान नेताओं को मांग पूरी करने का आश्वासन दिया जिसके बाद किसानों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया था.
शुक्रवार की देर शाम कांकेर रोडवेज बस के कंडक्टर की शिकायत पर कोतवाली थाना पुलिस ने पांच किसान नेताओं के खिलाफ धारा 34 और 341 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा के देवाराम साहू, विरेंद्र कोरेटी, प्रकाश मंडावी, केशरी चंद जैन और भुवनेश्वर खड़हे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. लेकिन कोतवाली पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है.
संयुक्त किसान मोर्चा के देवाराम साहू ने कहा कि किसानों ने पानी की फरियाद लेकर कलेक्टर के पास जा रहे थे, लेकिन अफसरों ने रास्ते में ही रोक दिया. अफसरों के कारण ही रोड में चक्काजाम की स्थिति निर्मित हुई थी, सरकार के इशारे पर थानेदार और पुलिस ने झूठा मुकदमा दर्ज किया है. उन्होंने कहा कि सरकार खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है.
देवाराम साहू ने बताया कि सूखे के कारण किसानों का काफी नुकसान हुआ है, ग्रीष्मकालीन में धान के अलावा दूसरी फसल का उत्पादन नहीं होता है. इसलिए इस क्षेत्र के किसानों को रबी में धान की फसल लगाने अनुमति दी जाए. धान नहीं लगाया तो भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. देवाराम साहू ने कहा कि किसान आंदोलन को कुचलने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है, हम धान बुआई करने के लिए शासन-प्रशासन से पानी की मांग के लिए गए थे। किसानों के प्रदर्शन से सरकार डरी हुई है, साल 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव होना है. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि झूठे मामलों में फंसाने से किसान उग्र होंगे उसकी जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी.