रायपुर। 3 साल में किसानों के खाते में 91,000 करोड़ रुपए डाला गया है. गौठान को औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा. सभी नौजवान पढ़े-लिखे जो युवा है, वहीं पार्क बनाया जाएगा. गांधी जी का जो रास्ता था, उसको हम सही रास्ते पर ले जाने का काम कर रहे हैं. यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय कृषक मेला तथा कृषक सम्मेलन में कही.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में लगातार काम हो रहा है. मजदूरों का प्रदेश है, आदिवासियों का प्रदेश है, पैसा का सही उपयोग होना चाहिए. लगातार 15 साल से छलावा किया जा रहा था. हमारी सरकार आई तो सभी किसानों को कर्ज माफ किया गया. सभी छोटे-बड़े किसानों का कर्जा माफ किया गया हमने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया. केंद्र सरकार लगातार अलग-अलग माध्यमों से अड़ंगा डालने का काम कर रही थी. हमारी सरकार ने निर्णय लिया कि हम किसी भी प्रकार से किसानों को ₹2500 समर्थन मूल्य देंगे. किसान जो उत्पादन कर रहे हैं, उसको खरीदने की व्यवस्था हम लोग कर रहे हैं.
गौठान योजना सरकार की नहीं…
कोरोना काल के बावजूद हम लोगों ने किसानों के खातों में पैसा डाला. इस महीने के आखिरी तारीख तक क़िस्त किसानों के खाते में डाली जाएगी. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जानवर बेचने जा रहे लोगों को मारने पीटने का काम किया, इसके कारण बाजार में जानवर बिकना बंद हो गया. धर्म के नाम पर इतना अत्याचार किया गया कि हमारी अर्थव्यवस्था चौपट हो गई. आवारा पशुओं के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यह गौठान योजना उसी के लिए रास्ता बनाया गया है. यह सरकार की योजना नहीं है, किसानों की योजना है, मजदूरों की योजना है, आम लोगों की योजना है. अगर जानवर खुले में घूम रहा है, तो जितना जिम्मेदारी सरकार के उतना जिम्मेदारी में हर किसी की है.
किसी ने सोचा था कि गोबर से गुलाल बनेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर से अलग-अलग चीजों का निर्माण किया जा रहा है, अब तो गुलाल भी बनाया जा रहा है. हम लोगों ने कभी सोचा नहीं था कि गोबर से भी गुलाल बनाया जाएगा. गोबर हम सब लोग के जीवन से जुड़ा हुआ है. पहले भारत को सोने का चिड़िया कहा जाता था, क्यों कहा जाता था, क्योंकि गांव में सब काम होता था. अब शहर में हो रहा है. जो हमारी मानव संपदा है, बौद्धिक संपदा है, वह खत्म होती जा रही थी. हम सब लोग गांव से ही है, इसलिए हम गांव के लोगों की तकलीफ बहुत अच्छे से समझते हैं.
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वेद-पुराण को आत्मसात कर रही सरकार
डिमांड के हिसाब से उत्पादन करना चाहिए. संतुलन बना कर उत्पादन करना है, इस बात को ध्यान रखें. धरती से जो ले रहे हैं, उसको वापस भी करना पड़ेगा. उसका सबसे अच्छा उदाहरण गौठान योजना है. वेद पुराण में जो बात कही गई है, उसको आत्मसात करने का काम छत्तीसगढ़ की सरकार कर रही है. धर्म के नाम से वोट मांग लेते हैं, लेकिन गाय का सेवा नहीं करते. सब लोगों को मिलकर हम लोगों को काम करना है. इस साल रकबा लगातार बढ़ रहा है.
2800 रुपए क्विंटल में खरीदी जाएगी धान
सभा को संबोधित के करते हुए रविन्द्र चौबे ने कहा कि चुनाव के आते-आते 2800 रुपये क्विंटल में खरीदी की जाएगी. 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी इस साल की गई. 132 कंपनी आए हुए हैं, उसका फायदा उठाना है. अधिकारी लोगों को भी काम करने की जरूरत है. सरकार और विश्वविद्यालय अपना काम कर रही है. खाड़ी का उपयोग करना चाहिए, जिस तरीके से यहां का वेजिटेबल खाड़ी तक पहुंचा जा सके, उसके लिए कार्गो लाना बहुत जरूरी है, जिससे यहां का सब्जी औऱ अन्य सामग्री को भेजा जा सके.
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