पवन दुर्गम, बीजापुर. जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में बारदाना और टोकन नहीं मिलने से नाराज किसानों ने आज उसूर तहसील कार्यालय का घेराव कर दिया. तहसील घेराव के बाद सैकड़ों की तादात में आवापल्ली, उसूर, बासागुड़ा, मुर्दोण्डा, सीतापुर सहित दर्जनभर से ज्यादा गांवों के नाराज किसान बीजापुर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. जिला पंचायत सदस्य जानकी कोरसा के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने पूरे मामले में सूबे की सरकार को घेरा.

दरअसल, धान खरीदी केंद्रों से गांवों की दूरी ज्यादा होने और मंडी में धान टोकन से नहीं रखने देने की वजह से किसान खासे नाराज थे. वहीं धान परिवहन कर लाने-ले जाने में भी अनावश्यक भाड़ा लगने की वजह से किसान परेशान हैं. वहीं आवापल्ली केंद्र में क़रीब 1600 पंजीकृत किसान हैं, जिसमें अब तक महज 400 किसानों के धान को ही केंद्रों में खरीदा गया है, जबकि 1100 किसान सिर्फ आवापल्ली केंद्र के और शेष बचे हैं. उसूर और बासागुड़ा के केंद्रों को मिला दें तो संख्या कई हजार में चली जाएगी. 15 फरवरी धान खरीदी की तय मियाद है किसानों को डर है कि 15 फ़रवरी के बाद यदि सरकार ने तय समय सीमा नहीं बढ़ाया तो किसान बैंक से कर्ज नहीं चुका पाएंगे.

पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और जिला पंचायत सदस्य जानकी कोरसा के नेतृत्व में कलेक्टर से मिलने पहुंचे. किसानों को खाद्य अधिकारी बीएल पदमाकर ने आश्वस्त किया कि अभी 3500 बारदाना आवापल्ली पहुंचाया जा रहा है. हमने 75 हजार बारदाना की मांग की है वो भी जल्द धान खरीदी केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा. जिसके बाद किसानों ने 9 फ़रवरी तक बारदाना और टोकन की समस्या दूर करने अन्यथा 9 फ़रवरी के बाद उग्र आंदोलन का अल्टीमेटम देकर वापस लौट गए.

पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा ने सरकार पर आरोप लगाया कि 31 जनवरी को उसूर, बासागुड़ा में चुनाव हो चुके हैं. उसके बाद वहां धान खरीदी बंद है. हमें आशंका भी थी कि जहां पंचायत चुनाव हो रहा है वहां धान खरीदी नहीं होगा. सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है. किसान परेशान हैं प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि 9 फरवरी तक बारदाना और टोकन की समस्या को ठीक करें अन्यथा उग्र आंदोलन किसान यहां करेंगे.