रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में जारी 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों में हर्ष की लहर है। कांग्रेस ने कभी भी किसानों की कहीं कोई सुध नहीं ली तथा न्यूनतम मूल्य बढ़ाने में भारी कंजूसी की है । वर्ष 2006-07 में केंद्र सरकार द्वारा धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य मात्र 10 रू. प्रति क्विंटल बढ़ाकर 580 रू. किया गया था, इसी प्रकार मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य में कोई वृद्धि नही की थी और यथावत 540 ही रखा गया था। अरहर के समर्थन मूल्य में मात्र 10 रू. वृद्धि कर मात्र 14 सौे रुपए प्रति क्विंटल किया गया था।
उन्होंने कहा कि वहीं मूंग और उड़द दोनों का समर्थन मूल 1520 रुपए प्रति क्विंटल था जिसमें कोई वृद्धि नहीं की गई थी, पीला सोयाबीन में मात्र 10 रू. का वृद्धि कर प्रति क्विंटल 1020 रू. किया गया था यदि हम 5 वर्षों का लेखा-जोखा देखें तो 2005-06 से 2009-10 तक कुल 5 वर्षों में कांग्रेस सरकार ने बाजरा में 315 रुपए की, सोयाबीन में 380 रू., मुंग में 1240 रू. की वृद्धि की थी जबकि मोदी सरकार ने 2016-17 से 2020-21 के मध्य 5 वर्षों में बाजरा में 820 रू., की सोयाबीन में 1105 रू., मून्ग में 1971 रू. की वृद्धि की है। वही धान में इन्हीं वर्षों में कांग्रेस सरकार ने 380 रू. को बीजेपी सरकार ने 398 रू. प्रति क्विंटल की वृद्धि की है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा खरीफ और रबी की फसलो में 2005 की स्थिति से 2020 की स्थिति में न्यूनतम समर्थन मूल्यों में तीन से चार गुणा वृद्धि की गई है जो मोदी सरकार का किसानों के प्रति लगाव को बताता है।
वही 2005 व 2020 की स्थिति में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 570 रू. था जो आज 1868 रुपया है। इसी प्रकार मूंग 1520 रू. से 7196 रू. हो गया। अरहर का 1400 रू. से 6000 रू. हो गया, सोयाबीन का 1010 रू. से 3880 रू. हो गया। इस प्रकार अन्य सारी फसलो की भी मूल्यों में तीन से चार गुणा वृद्धि की गई हैं। मोदी सरकार के द्वारा 2018-19 में धान में 200 रू., बाजरा में 525 रू.उड़द में 200 रू., अरहर में 225 रू. व मूंग में 1400 रू. की वृद्धि की गई थी जो कांग्रेस सरकार के द्वारा 2013-14 की वृद्धि तीन से चार गुना है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस के नेताओं ने गंगाजल हाथ में लेकर जनता से झूठा वादा किया था कि धान लेते ही 2500 रू. क्विंटल की दर से भुगतान किया जावेगा मगर कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के किसानों को 1815 रुपए के हिसाब से प्रति क्विंटल धान का भुगताना न किया और यह राशि भी उसे केंद्र सरकार से प्राप्त हुई है। यह राज्य की राशि नहीं है। राज्य से उन्हें जो 685 रू. प्रति क्विंटल की राशि देनी थी मगर उन्होने इस वित्तिय वर्ष में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के नाम से उक्त राशि चार किस्त में दिये जाने का कार्य कर रही है। वास्तव में यह योजना राजीव गांधी किसान योजना के बजाय राजीव गांधी किसान उधार योजना है और सरकार अपना उधार चार किस्त में चुका रही है।
वही कृषि लागत के दाम कांग्रेस ने बढ़ाया है। मोदी सरकार ने इन छह साल में कृषि लागत को नही बढ़ाया है। खाद के दर भी नहीं बढ़े हैं।