बलौदाबाजार। अतिवृष्टि से फसल क्षति होने पर किसानों को इसकी जानकारी 72 घण्टे के भीतर अधिकृत बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर अथवा ई-मेल पर देना जरूरी है. बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया द्वारा फसल बीमा की जिम्मेदारी ली गई है, जिसके टोल फ्री नम्बर 1800116515 अथवा ई-मेल – एफ ए एस ए एल बी आई एम ए एट द रेट ए आई सी ऑफ इंडिया डॉट कॉम पर क्षति की सूचना दी जा सकती है. इसके अलावा कृषि अथवा राजस्व विभाग के सम्बन्धित अधिकारी को भी सूचना दी जा सकती है.

उप संचालक कृषि वीपी चौबे ने बताया कि योजनान्तर्गत प्रदेश के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रो में जलप्लावन, बादल फटने एवं आकाशीय बिजली से अधिसूचित फसल ( जलप्लावन धान में लागू नहीं) में नुकसान होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति दिए जाने का प्रावधान है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधान के अनुसार स्थानीय आपदाओं की स्थिति में स्थानीय जोखिम में ओलावृष्टि, जलप्लावन, बादल फटने, या प्राकृतिक अकेसिया बिजली से हुए नुकसान को कवर किया जाता है, जिसमे सोयाबीन, मूंगफली, मक्का, अरहर, उरद ,मूंग, इसमे शामिल हैं.

अधिकारी ने बताया कि धान फसल में ओलावृष्टि, बादल फटने से नुकसान, एवं आकाशीय बिजली से नुकसान को कवर किया जाता है. धान सिंचित अथवा धान असंचित फसल में जलप्लावन को कवर नहीं किया जाता है. उन्होंने बताया कि किसान आपने फसल की क्षति की जानकारी अपने स्मार्ट फ़ोन से खुद भी दर्ज करा सकता है. इसके लिए गूगल प्ले स्टोर पर से प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना क्रॉप इंसुरेन्स एप को डाउन लोड करना होगा.

यदि किसी फसल इकाई में 25 प्रतिशत से अधिक हानि होती है तो संयुक्त समिति द्वारा सैम्पल जांच कर उस इकाई में सभी बीमा कराये हुए किसानों को क्षतिपूर्ति देय होगा. फसल क्षति की जानकारी प्राप्त होने के बाद 48 घन्टे के अंदर बीमा कंपनी हानि का निर्धारण तय करेगी जो क्षति की मात्रा एवं क्षति का कारण सहित बीमा कंपनी को अवगत करायेगी. हानि का निर्धारण 10 दिन के अंदर किया जाएगा. जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय कृषि, राजस्व विभागों के अधिकारी फसल क्षति का अनुमान लगाने बीमा कंपनी को सहयोग प्रदान करेंगे. बीमा कंपनी क्षति का आंकलन के 15 दिनो के भीतर राशि का भुगतान करेगी.