मंदसौर- मध्यप्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं। 6 किसानों की मौत के बाद किसान और भी ज्यादा आक्रोश में हैं। किसानों को समझाइश देने पहुंचे मंदसौर कलेक्टर स्वतंत्र सिंह किसानों के गुस्से का शिकार हो गए।
किसानों ने कलेक्टर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। मारपीट में कलेक्टर के कपड़े तक फट गए। जैसे-तैसे कलेक्टर अपनी जान बचाकर वहां से निकलने में कामयाब हुए।
मंदसौर में किसान कर्जमाफी और फसल का उचित दाम दिए जाने की मांग को लेकर पिछले 1 सप्ताह से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार की अनदेखी की वजह से किसानों का आंदोलन उग्र रुप ले लिया। सोमवार को किसानों ने रेल की पटरियां उखाड़ने की भी कोशिश की थी।
सीआरपीएफ की फायरिंग में 6 की मौत
मंगलवार को किसान चक्काजाम करने जा रहे थे। लेकिन न ही उन्हें समझाईश दी गई, न ही तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया गया और न वाटर केनन का इस्तेमाल किया और तो और उन्हें चेतावनी भी नहीं दी। और सीधे उन पर गोली चलाने का आदेश दे दिया गया। सीआरपीएफ की फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई। वहीं कई किसान गंभीर रुप से घायल हो गए।
मुआवजा राशि का ऐलान
किसानों के उपर फायरिंग के बाद गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बयान जारी कर कहा कि किसानों पर गोली नहीं चलाई गई, आंदोलन में शामिल असमाजिक तत्वों की हरकत हो सकती है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना के जांच के आदेश देने के साथ ही मृतक किसानों के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपए मुआवजे दिए जाने की घोषणा की है।