अमृतसर. पंजाब और हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को 13 फरवरी को एक साल पूरा होने जा रहा है। इस मौके पर किसानों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा, 11 से 13 फरवरी तक होने वाली तीन महापंचायतों को सफल बनाने के लिए किसान नेता रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं।

इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल शुक्रवार को 67वें दिन में प्रवेश कर गई। लंबे समय से अनशन पर रहने के कारण उनका शरीर कमजोर हो गया है, जिससे उन्हें बुखार हो गया। दूसरी ओर, केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत के लिए आए आमंत्रण को लेकर किसान उत्साहित दिख रहे हैं।

किसानों की अगली रणनीति तैयार


14 फरवरी को किसान नेता चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों से बैठक करेंगे। इससे पहले, वे सीमा पर किसानों की संख्या बढ़ाकर यह संदेश देना चाहते हैं कि आंदोलन एक साल बाद भी मजबूत है और वे लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं।
किसान शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रहे हैं और किसी तरह के आक्रामक रुख का प्रदर्शन नहीं कर रहे। डल्लेवाल के अनशन ने सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने देशभर के किसानों को इस आंदोलन से जुड़ने का संदेश दिया है और कहा कि यह सिर्फ पंजाब के किसानों की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे देश के किसानों की है।

आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की तैयारी

अब किसानों का ध्यान आंदोलन को पंजाब से बाहर ले जाने पर है। इस रणनीति के तहत हरियाणा और राजस्थान में किसान मोर्चे को मजबूत किया जा रहा है। हरियाणा के किसानों का पहले से खनौरी पहुंचना जारी है। अब महापंचायतों और ट्रैक्टर मार्च को इस आंदोलन का हिस्सा बनाया जा रहा है ताकि अन्य राज्यों के किसान भी इससे जुड़ें और सरकार पर दबाव बने।

सिख धर्मस्थल के प्रमुख ने डल्लेवाल से की मुलाकात

इस बीच, आनंदपुर साहिब के श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी सुल्तान सिंह ने खनौरी किसान मोर्चा पहुंचकर डल्लेवाल से मुलाकात की। इससे पहले, डल्लेवाल ने श्री अखंड पाठ साहिब के भोग में भी हिस्सा लिया। हालांकि, स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण उन्हें ट्रॉली में वापस ले जाना पड़ा।
फिलहाल, किसान नेता पूरी तरह से महापंचायतों की तैयारियों में जुटे हुए हैं और आंदोलन को और मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।