शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने जानकारी दी कि 21 जनवरी को 101 किसान पैदल दिल्ली के लिए रवाना होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अभी भी बातचीत के मूड में नहीं है, इसलिए आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

पंधेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की गारंटी देने वाला कानून आना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की सभी मांगें देशहित में हैं और इन्हें लागू करना जरूरी है।

दिसंबर में तीन बार दिल्ली कूच की कोशिश

किसानों ने दिसंबर 2024 में तीन बार दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश की थी। 6 दिसंबर, 8 दिसंबर, और 14 दिसंबर को किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें बैरिकेड्स पर रोक दिया। बता दें कि किसान एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर 11 महीनों से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

भूख हड़ताल पर किसान

किसान नेता जगजीत डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर पर 52 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं, और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उनके समर्थन में 111 किसान भी सामूहिक भूख हड़ताल पर हैं।

किसानों को भेजे गए सम्मन

इस दौरान, सरवन पंधेर ने 5 जनवरी 2022 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक का मुद्दा उठाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार अब केंद्र के दबाव में आकर लगभग 25 किसानों को सम्मन जारी कर रही है।

पंधेर ने कहा कि 2022 की घटना में प्रधानमंत्री का काफिला 15-20 मिनट तक रुका था, लेकिन किसी भी किसान ने उनके प्रति कोई आक्रामक कदम नहीं उठाया। यहां तक कि फूल भी नहीं फेंके गए। उन्होंने इस मामले में किसानों पर हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं लगाए जाने का विरोध किया और कहा कि यह किसानों को डराने की साजिश है।