रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के हर गांव में ’स्मार्ट घुरूवा’ बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास में राजनांदगांव जिले से बड़ी संख्या में आए किसान को संबोधित कर रहे थे. किसानों ने खैरागढ़ विकासखंड में स्थित प्रधान पाठ बैराज योजना की नहर लाईनिंग कार्य के लिए इस वर्ष के बजट में 30 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया. किसानों ने फूलों की विशाल माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया. नहरों के सुधार कार्य के बाद इस सिचांई योजना के आसपास के 48 गांवों के किसानों को खेती के लिए पानी मिल सकेगा. इस अवसर पर डोगरगढ़ विधायक भुवनेश्वर बघेल और बिलाईगढ़ विधायक चन्द्रदेव राय भी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी भाषा में किसानों को बताया कि गांवों में ’नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी’ के बेहतर प्रबंधन से खेती को लाभप्रद कैसे बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक ढंग से गांव के नरवा(नाला) को रिचार्ज करने के लिए ट्रीटमेंट किया जाए तो इससे नाले में पानी बढ़ेगा और गांव में भूजल स्तर में भी सुधार होगा. बघेल ने गांव के दैहान(गौठान) को घेर कर वहां पशुओं के लिए शेड, पानी और चारे की व्यवस्था कर दी जाए और वहां पशुओं को एक साथ रखा जाए, तो खेत की फसल को पशुओं से बचाने के लिए खेतों को घेरने में होने वाला खर्च, पशुओं की रखवाली और चराई का खर्च बचाया जा सकता है.
गौठान में पशुओं के गोबर से बायो गैस बनाने के प्लांट स्थापित किए जा सकते हैं और घरों में खाना बनाने के लिए गैस कनेक्शन दिए जा सकते हैं. इससे रसोई गैस पर होने वाला खर्च बच सकता है और लगभग 300 रूपये के खर्च पर घर का खाना बन सकता है. गौठान में ही पशुओं के गोबर से कम्पोस्ट खाद तैयार की जा सकती है. गांव के ही 8-10 युवाओं को बायो गैस प्लांट के मेंटेनेन्स, कम्पोस्ट और वर्मी खाद तैयार करने का प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें इसके माध्यम से रोजगार भी दिया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ में किसानों को धान का सर्वाधिक 2500 रूपये प्रति क्विंटल मूल्य दिया जा रहा है. इससे किसानों की स्थिति में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहयोग देगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि मक्के से 25 प्रकार के उत्पाद तैयार किये जाते हैं. कोंडागांव में इस माह की 16 तारीख को मक्के के प्रसंस्करण केन्द्र का शिलान्यास किया जाएगा. इसी तरह प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय कृषि उत्पादों की उपलब्धता के आधार पर भी खाद्य प्रसंस्करण केंन्द्र स्थापित किए जाएंगे. इससे किसानों को अच्छा मूल्य और लोगों को रोजगार मिलेगा. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. मुख्यमंत्री ने किसानों द्वारा मुड़ीपार जलाशय, मोंगरा जलाशय, छुरिया विकासखंड स्थित मनोहर सागर जलाशय, पनीयाडोब के लोढ़ नाला और डोंगरीटोला में सिंचाई बांध निर्माण की किसानों की मांग का परीक्षण कराने और समुचित कार्यवाही का आश्वासन दिया.