रायपुर. छत्तीसगढ़ में एग्री स्टेक पोर्टल में भू-अभिलेख डेटा अपडेट नहीं होने के कारण हजारों किसानों को फार्मर आईडी के पंजीयन के लिए भटकना पड़ रहा है. ज्यादातर गांवों में वर्ष 2022 के बाद से जमीन संबंधी डेटा एग्री स्टेक पोर्टल में अपडेट ही नहीं हो पाया है. इसके चलते राजस्व विभाग के अंतर्गत भुइंया पोर्टल में जमीन संबंधी डेटा अपडेट होने के बाद भी एग्रो स्टेक पोर्टल में पुराने डेटा ही दिखा रहा है.
वहीं, एग्रो स्टेक पोर्टल में आईडी बनने के बाद उसमें किसी प्रकार के संशोधन का विकल्प भी नहीं दिया गया है. जबकि एग्रोस्टेक पोर्टल में पंजीयन के बाद ही समर्थन मूल्य पर धान विक्रय व कृषक उन्नति योजना का लाभ लेने के लिए एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत किसानों के डेटा कैरी फॉरवर्ड किए जाएंगे. एग्रो स्टेक पोर्टल में भू-अभिलेख संबंधी जानकारी अपडेट नहीं होने की वजह से बड़ी तादाद में किसान एग्रोस्टेक पोर्टल में अपना पंजीयन नहीं करा पा रहे हैं और वे डेटा अपडेट होने का इंतजार कर रहे हैं. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ खरीफ फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण 15 अगस्त से 30 सितंबर तक किया जाएगा. जिओ रेफ्रेंसिंग तकनीक के माध्यम से डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाना है, लेकिन प्रदेश के कुल 20,551 गांवों में से अभी केवल 14, 560 गांवों का ही जियो रेफ्रेंस का कार्य पूरा किया जा सका है. सिर्फ इन्हीं गांवों में खरीफ वर्ष 2025 के लिए डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य किया जाएगा.


डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए जिओ रिफ्रेंस राजस्व विभाग चिप के माध्यम से तैयार कर रहा है. डिजिटल सर्वे के लिए स्थानीय युवक के माध्यम से प्रत्येक खेत में जियो टैग फोटोग्राफ लेकर एग्री स्टेक पोर्टल में अपलोड किया जा रहा है. खरीफ वर्ष 2025 में धान खरीदी के लिए किसानों का फार्मर आईडी होना आवश्यक है. अब तक 25 लाख 7 हजार 740 किसानों की आईडी तैयार हो चुकी है. फसलों की जानकारियां पोर्टल में दर्ज होंगी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य सटीक और पारदर्शी फसल आंकड़े जुटाना है, ताकि कृषि योजनाएं और नीतियां बेहतर तरीके से बनाई जा सकें. डिजिटल सर्वे में किसानों की फसलों की सभी जानकारियां एग्री स्टेक पोर्टल में दर्ज होंगी. किसानों को फसल उत्पादकता के लिए जरूरी इनपुट जैसे फसल ऋण, विशेषज्ञो की सलाह से लेकर बाजार उपलब्ध कराने में एग्री स्टेक पोर्टल से मदद मिलेगी. जियो रेफ्रेंस तकनीक से सर्वे जियो रेफ्रेंस तकनीक के माध्यम से इस वर्ष से डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाना है. डिजिटल सर्वे की जानकारी एग्री स्टैक पोर्टल में ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी. एग्री स्टैक पोर्टल में किसानों का पंजीयन होने के बाद उन्हें एक फार्मर आईडी दी जाएगी. इस पोर्टल में किसानों द्वारा लगाई गई फसल के साथ-साथ उन्हें आवश्यक खाद व पानी की भी जानकारी मिलेगी. वहीं, किसानों को अब न केवल जमीन अपितु जमीन में लगाई फसल व उत्पादन के लिए आवश्यक बाजार उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी.
गांवों में सर्वेक्षकों का चयन
डिजिटल फसल सर्वेक्षण का उद्देश्य फसल संबंधी आंकड़ों को डिजिटल रूप से एकत्रित और सत्यापित करना है. यह सर्वेक्षण ‘एग्री स्टेक परियोजना’ के तहत किया जा रहा है. हर गांव में योग्य सर्वेक्षकों का चयन किया गया है. सर्वेक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. सर्वे ऐप के माध्यम से रियल टाइम में किया जाएगा. खेत की भौगोलिक स्थिति के साथ फसल की फोटो अपलोड की जाएगी.
सीएससी में फार्मर आईडी पंजीयन सुविधा
किसान आवश्यक दस्तावेज आधार कार्ड, बी-1 खसरा आदि की जानकारी कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर फार्मर आईडी के लिए पंजीयन करा सकते हैं. प्रति फार्मर आईडी के लिए राज्य शासन द्वारा 15 रुपए प्रति आईडी की दर से कॉमन सर्विस सेंटर को भुगतान किया जाएगा. किसानों को कोई राशि नहीं देनी होगी.