चंडीगढ़। पंजाब के किसान एक तरफ अपनी मांगों और पैदा किए गए अनाज की उचित कीमत को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वहीँ प्रदेश सरकार फसल के बंपर उत्पादन के रख-रखाव को लेकर चिंतित है। प्रदेश में बीते धान सीजन में सबसे बड़ी समस्या धान के भंडारण को लेकर खड़ी हो गई थी। प्रदेश में जितने भी गोदाम थे वे पहले से ही अनाज से अटे पड़े थे इसके चलते प्रदेश के मिलर्स ने मंडियों से धान उठान को लेकर हाथ पीछे खींच लिए थे।
जिसके बाद प्रदेश सरकार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। कमोबेश वैसी ही स्थिति इस बार गेहूं खरीद के दौरान भी पैदा हो सकती है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं ताकि सीजन के दौरान समस्याओं का सामना न करना पड़े।
गेहूं को खुले में स्टोर करेगी सरकार
प्रदेश सरकार गेहूं को खुले में स्टोर करने की तैयारी कर रही है। इस काम के लिए अगले महीने से 30 स्थानों पर कवर्ड एरिया प्लिंथ तैयार किए जाएंगे, जिसके लिए कंपनी फाइनल की जा रही है। पहले केंद्र ने खुले में स्टोरेज पर रोक लगा दी थी। स्टोरेज समस्या को देखते हुए ही केंद्र ने पहले ही गेहूं को खुले में स्टोर करने की अनुमति दे दी है, जिसके बाद ही फूड कारपोरेशन आॅफ इंडिया की तरफ से टेंडर जारी किए गए हैं। 30 स्थानों पर कवर्ड एरिया प्लिंथ तैयार करने के लिए कंपनियों ने रूचि दिखाई है।
80 प्रतिशत स्पेस पहले से ही फुल
इन स्थानों पर कंपनी फाइनल करके अगले माह से कवर्ड एरिया तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। खुले में अस्थायी भंडारण केंद्रों को कवर्ड एंड प्लिंथ यानी सीएपी कहा जाता है। रबी सीजन के लिए आने वाले गेहूं को इन भंडारण में रखा जाएगा। इस अनाज पर बारिश और खराब मौसम का असर पड़ने का जोखिम रहता है, जिसके चलते इसकी मंजूरी नहीं दी जाती है। राज्य में इस समय कुल 174 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता है, लेकिन 80 प्रतिशत स्पेस पहले से ही फुल है। मिलिंग के बाद खरीफ सीजन का 110 लाख मीट्रिक टन चावल आने का अनुमान है। चावल को खराब होने से बचाने के लिए गोदामों में ही स्टोर करने की तैयारी की जा रही है।
120 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में आने का अनुमान
इसी तरह 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद भी होनी है। रबी सीजन के तहत 120 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में आने का अनुमान है। केंद्र सरकार पहले से ही अनाज के उठान में भी लगी हुई है, लेकिन फिर भी इतने मात्रा में गेहूं के लिए स्टोरेज क्षमता तैयार करना मुमकिन नहीं है। इसी के चलते कवर्ड एरिया प्लिंथ तैयारी करने पर सहमति बनी है। एफसीआई 70 लाख मीट्रिक चावल के उठान का काम मार्च तक पूरा करने की तैयारी कर रहा है।
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