शब्बीर अहमद, भोपाल। दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के छह महीने पूरे होने पर कल आंदोलन कर रहे किसान “लोकतंत्र के लिए काला दिवस” के रूप में मनाएंगे. जिसको लेकर मध्य प्रदेश में काला दिवस को लेकर किसान संगठनों में दो फाड़ नजर आने लगा है. काला दिवस को लेकर भारतीय किसान संघ ने प्रदर्शन करने से किनारा कर लिया है.
भारतीय किसान संघ के किनारा करने पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि इसे भारतीय किसान संघ नहीं कह कर भाजपा किसान संघ कहें तो ज़्यादा अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि यह भाजपा से जूड़़ा है, कांग्रेस का विरोध करना और भाजपा का पक्ष लेकर चुप रहना ही इसका उद्देश्य है.
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अनिल यादव ने कहा कि संयुक्त मोर्चा कल प्रदर्शन करेगा, इसे शासन और प्रशासन कोई नहीं रोक सकता है. उन्होंने कहा कि किसान 6 महीने से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से बात करने को तैयार नहीं है. मोदी सरकार ने किसानों को सिर्फ नज़रअंदाज किया है.
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बता दें कि किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों का विरोध शुरू करने के छह महीने पूरे होने पर 26 मई को “काला दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया है. जिसको लेकर कल यानि बुधवार को राजधानी भोपाल में किसान संयुक्त मोर्चा ग्रामीण और शहरों में जाकर काले झंडे दिखाएंगे. साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का पुतला भी फुकेंगे.
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