चंडीगढ़। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के लिए कानून लाने को लेकर पिछले पांच महीनों से शंभू बैरियर पर धरने पर बैठे किसान बैठे हुए हैं। इन सभी के बीच में आज पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का जो फैसला आया है, जिस पर अब किसान संगठनों ने अपनी अगली रणनीति तय करने के लिए योजना बनाई है।
किसान अपनी आगे की योजना बनाने के लिए इकट्ठे होने वाले हैं और 16 जुलाई को एक मीटिंग बुला ली है। इसमें यह आता होगा कि आगे उन्हें किस तरह से काम करना है। हाई कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रधान सरवण सिंह पंढेर ने कहा कि हम तो पहले से ही कई बार कह चुके हैं कि हमने शंभू बैरियर पर रास्ता नहीं रोका, हरियाणा सरकार ने रोका है और हाई कोर्ट ने यही कहा है।
आपको बता दें की शंभू बैरियर पर हुए टकराव के बाद हरियाणा पुलिस ने तीन किसानों को गिरफ्तार किया था। इसके विरोध में किसानों ने 17 अप्रैल को रेलवे ट्रैक भी रोक दिया था जो 21 मई को खोला गया। वह भी केवल इसलिए क्योंकि व्यापारियों ने भी इस धरने का विरोध करना शुरू कर दिया था और धमकी दी थी कि अगर किसानों ने रेलवे ट्रैक से अपना धरना समाप्त नहीं किया तो वह भी सारे रास्ते जाम कर देंगे।
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